Sarfaraz Khan: 15 साल तक रोज 500 बॉल खेलकर प्रैक्टिस, आग में तपकर 'सोना' बने सरफराज
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Sarfaraz Khan: 15 साल तक रोज 500 बॉल खेलकर प्रैक्टिस, आग में तपकर 'सोना' बने सरफराज

IND vs ENG Test Series: राजकोट में खेले गए अपने डेब्यू मैच में सरफराज खान ने सालों की मेहनत और तपस्या का दम दिखा दिया. उन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक जड़ते हुए इंग्लैंड के गेंदबाजों की खूब कुटाई की. उन्होंने 1-2 दिन नहीं, बल्कि 15 सालों तक कड़ी मेहनत से टीम इंडिया में जगह बनाई.

Sarfaraz Khan: 15 साल तक रोज 500 बॉल खेलकर प्रैक्टिस, आग में तपकर 'सोना' बने सरफराज

Sarfaraz Khan Story: सरफराज खान का अपने डेब्यू टेस्ट में इंग्लैंड के स्पिनरों के खिलाफ दबदबा बनाना किसी तरह का संयोग नहीं है, बल्कि यह अपने पिता नौशाद खान के मार्गदर्शन में 15 साल तक प्रत्येक दिन 500 गेंद खेलने की कड़ी मेहनत का नतीजा है. सरफराज ने राजकोट में अपने डेब्यू टेस्ट में आत्मविश्वास से भरे दो अर्धशतक जड़कर दिखा दिया कि भारतीय टीम में उनका भविष्य उज्जवल है. इस 26 साल के क्रिकेटर को अपने पिता के ‘माचो क्रिकेट क्लब’ में कौशल निखारने और घरेलू क्रिकेट में सालों तक ढेरों रन बनाने के बाद डेब्यू का मौका मिला. 

लगातार की कड़ी मेहनत 

सरफराज खान कि पिछले कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत और उनकी प्लानिंग राजकोट में टॉम हार्टली, जो रूट और रेहान अहमद जैसे स्पिनरों के खिलाफ काफी काम आई. उन्होंने विशेष रूप से कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान कड़ी मेहनत की. मुंबई के सरफराज की प्रगति को करीब से देखने वाले एक कोच ने कहा, 'मुंबई में ओवल, क्रॉस और आजाद मैदान पर प्रतिदिन ऑफ, लेग और बाएं हाथ के स्पिनरों की 500 गेंद खेलने से ऐसा हो पाया.' 

कार से की 1600 किमी की यात्रा

इस कोच ने आगे कहा, '(कोविड) लॉकडाउन के दौरान उसने कार से 1600 किमी की यात्रा की. मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून. उसने यात्रा की और ऐसी जगहों पर खेला जहां गेंद बहुत अधिक टर्न करती है. कुछ गेंद काफी उछाल लेती हैं और कुछ नीची रहती हैं.' स्पिनरों के खिलाफ आसानी से कदमों का इस्तेमाल करने वाले सरफराज ने अपने कौशल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की है.' 

'सिर्फ नौशाद ही नहीं...'

कोच ने आगे बताया, 'सरफराज को तैयार करने का श्रेय सिर्फ नौशाद को नहीं जाता. भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरूद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और भारत ए के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन के पिता आरपी ईश्वरन ने भी सरफराज को निखारने में कुछ ना कुछ योगदान दिया है. इन सभी ने स्पिनरों के खिलाफ सरफराज के नेट सेशन का आयोजन किया. विशेषकर कोविड लॉकडाउन के दौरान.' 

कुलदीप यादव के खिलाफ की काफी बल्लेबाजी

कपिल पांडे ने PTI को बताया, 'लॉकडाउन के दौरान नौशाद ने मुझे फोन किया, क्योंकि हम दोनों आजमगढ़ के हैं और जब मैं भारतीय नौसेना का कर्मचारी था तो मुंबई में हमने क्लब क्रिकेट खेला है. इसलिए जब वह चाहता था कि उसके बेटे को अभ्यास का मौका मिले तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है.' उन्होंने आगे कहा, 'लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने हमारी कानपुर अकेडमी में कुलदीप का काफी सामना किया. उन्होंने एक साथ काफी नेट सेशन किए. मैं टी20 मुकाबलों का इंतजाम करता था, क्योंकि उस सीजन में मुश्ताक अली टी20 मुख्य टूर्नामेंट था.' पांडे ने कहा, 'मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़े होने के कारण स्पिन के खिलाफ सरफराज का खेल परफेक्ट है और वह अपने कदमों का अच्छा इस्तेमाल करता है.'

शमी के कोच ने भी बताया किस्सा

भारतीय स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के कोच बदरूद्दीन ने भी स्पिन के खिलाफ तैयारी में सरफराज की मदद में अपनी भूमिका पर बात की. बदरूद्दीन ने कहा, 'हां, मैंने अहमदाबाद में उसकी ट्रेनिंग और नेट सेशन का इंतजाम किया. इसमें कोई संदेह नहीं कि पिता और बेटे दोनों ने कड़ी मेहनत की है. मैंने हॉस्टल में उसके रुकने और कई मैच खेलने का इंतजाम किया.'

'कम उम्र में खेलीं सैकड़ों गेंदें'

नौशाद को अपने बेटों सरफराज और अंडर-19 विश्व कप के स्टार मुशीर को ट्रेनिंग देते हुए देखने वाले एक अन्य कोच ने बताया कि दोनों खिलाड़ियों की ट्रेनिंग कितनी कड़ी होती थी. कोच ने कह, 'कम उम्र से ही वह सैकड़ों गेंद खेल रहा है. नौशाद ने घर में एस्ट्रो टर्फ विकेट बनाया है और जब मुंबई का मैच नहीं होता था तो सरफराज वहां तेज गेंदबाजों के खिलाफ अभ्यास करता. जब उसे स्पिन खेलनी होती तो वह मैदान में जाते और खुले में ट्रेनिंग करते.' 

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