TRAPPIST-1b: पृथ्‍वी जैसा ग्रह जहां पर बस सकता है इंसान, वैज्ञानिकों को मिला जोरदार सबूत
Advertisement
trendingNow12565876

TRAPPIST-1b: पृथ्‍वी जैसा ग्रह जहां पर बस सकता है इंसान, वैज्ञानिकों को मिला जोरदार सबूत

TRAPPIST-1b Atmosphere: एक नई रिसर्च के मुताबिक, मशहूर ट्रैपिस्ट-1 सिस्टम का पृथ्वी जैसा सबसे भीतरी ग्रह (TRAPPIST-1b) शायद एक घने वायुमंडल को सपोर्ट करने में सक्षम हो सकता है.

TRAPPIST-1b: पृथ्‍वी जैसा ग्रह जहां पर बस सकता है इंसान, वैज्ञानिकों को मिला जोरदार सबूत

Science News in Hindi: 2017 में, सिर्फ 40 प्रकाश वर्ष की दूरी पर पृथ्‍वी जैसे ग्रह की खोज ने हलचल मचा दी थी. सात बेहद मजबूती से बंधे तारों के उस सिस्टम को ट्रैपिस्ट-1 (TRAPPIST-1 ) नाम दिया गया. वैज्ञानिक तबसे ही यह जानने में जुटे थे कि क्या इनमें से किसी ग्रह पर वायुमंडल हो सकता है या नहीं, जो हमारे लिहाज से जीवन के लिए जरूरी है. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के डेटा का फिर से एनालिसिस कर बेल्जियम के एस्ट्रोनॉमर्स ने नई खोज में पाया है कि सिस्टम का सबसे भीतरी ग्रह, Trappist-1b का वायुमंडल धुंधला और कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध हो सकता है. उनकी रिसर्च के नतीजे सोमवार (16 दिसंबर) को Nature Astronomy जर्नल में छपे हैं.

JWST के पिछले ऑब्जर्वेशंस से संकेत मिले थे कि ट्रैपिस्ट-1 के सभी ग्रह अपने मेजबान तारे द्वारा छोड़े गए हिंसक, वायुमंडल को तबाह करने वाले रेडिएशन के चलते बंजर, वायुहीन चट्टान होंगे. हालांकि, सबसे भीतरी ग्रह, ट्रैपिस्ट-1बी पर JWST डेटा के एक नए एनालिसिस से पता चलता है कि इसका वातावरण धुंधला, कार्बन डाइऑक्साइड से भरपूर हो सकता है. नए मापों से ट्रैपिस्ट-1बी की सतह के लिए अप्रत्याशित रूप से उच्च तापमान का भी पता चलता है, जो शायद यह दिखाता है कि ग्रह ज्वालामुखी गतिविधि से भरा हुआ है.

fallback
Trappist-1 तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रहों का झुंड (Illustration : NASA/JPL-Caltech)

यह भी पढ़ें: चांद तो कम से कम 4.53 अरब साल पुराना है! अमेरिकी, जर्मन और फ्रेंच रिसर्चर्स का चौंकाने वाला दावा

'शनि के उपग्रह 'टाइटन' जैसा है ट्रैपिस्ट-1बी'

स्टडी के अनुसार, नए मापों से न केवल एक मोटे, कार्बन डाइऑक्साइड युक्त वातावरण का पता चलता है, बल्कि इसमें अत्यधिक परावर्तक धुंध भी शामिल है, जो पृथ्वी पर देखे जाने वाले धुएं के जैसी है. रिसर्चर्स का कहना है कि उस धुंध के कारण ग्रह का ऊपरी वायुमंडल नीचे की परतों की तुलना में अधिक गर्म हो जाता है, जिससे ऐसा वातावरण बनता है जहां CO2 प्रकाश को अवशोषित करने के बजाय उत्सर्जित करती है.

यह भी पढ़ें: सूर्य से लाखों-करोड़ों गुना बड़े दो ब्लैक होल ब्रह्मांड में यह क्या कर रहे? देखकर चौंक उठे वैज्ञानिक

हमें पता है कि ऐसी गतिविधियां शनि के सबसे बड़े चंद्रमा, टाइटन पर होती हैं. स्टडी के लेखकों ने कहा, 'लेकिन ट्रैपिस्ट-1बी के वायुमंडल की केमिस्ट्री, टाइटन या सौरमंडल के किसी भी चट्टानी पिंड से बहुत अलग होने की उम्मीद है.' रिसर्चर्स अब ग्रह‍ पर ऊष्‍मा के रीडिस्ट्रीब्यूशन का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news