Earth View From Space: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से एक टाइम-लैप्स वीडियो जारी किया गया है जो बादलों से घिरे यूरोप के ऊपर से शुरू होता है, भूमध्य सागर को पार करता है, नील नदी के ऊपर से होते हुए सूर्योदय के समय हिंद महासागर के चक्रवात को दिखाता है.
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Earth From Space Station: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला टाइम-लैप्स वीडियो आया है. यह यात्रा बादलों से ढके यूरोप के ऊपर से शुरू होती है, जहां शहरों की रोशनी रात के अंधेरे में बिखरे हुए मोतियों की तरह चमकती है. ISS आगे बढ़ता है तो उसे भूमध्य सागर नजर आता है. इसका विशाल, स्याही जैसा विस्तार रोशन समुद्र तटों से घिरा हुआ है जो दक्षिणी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के नक्शे को दिखाते हैं. इसके बाद स्पेस स्टेशन, मिस्र की जीवन रेखा-नील नदी के ऊपर से गुजरता है. यह किसी रेगिस्तान में फैले एक चमकते धागे की तरह दिखाई देती है. जहां नदी भूमध्य सागर से मिलती है, वहां इसका डेल्टा एक चमकदार हाथ की तरह फैलता है. जब ISS विशाल हिंद महासागर के पास पहुंचता है, तो नजारा नाटकीय रूप से बदल जाता है. यहां इसके नीचे एक विशाल चक्रवात घूम रहा होता है.
अंतरिक्ष से पृथ्वी का हैरतअंगेज वीडियो
जैसे-जैसे स्पेस स्टेशन अपने कक्षीय रास्ते पर आगे बढ़ता है, अंधेरा कम होने लगता है. भोर के पहले संकेत क्षितिज पर दिखाई देते हैं, गहरे नारंगी और लाल रंग की एक पतली रेखा पृथ्वी की वक्रता के विरुद्ध तीव्र होती जाती है. रात से दिन का यह बदलाव पृथ्वी की वायुमंडलीय परतों को अनोखे ढंग से दिखाता है. वे सीरियल से चमकती हैं - नारंगी, गुलाबी और हल्का नीला.
This time-lapse video begins above a cloudy Europe as the city lights begin to sparkle, crosses the Mediterranean, orbits above the Nile, then soars over an Indian Ocean cyclone into a sunrise. pic.twitter.com/mfkTanEQo8
— International Space Station (@Space_Station) December 17, 2024
वीडियो के आखिर में, सूरज उगता है, इसकी चमकदार रोशनी पृथ्वी को सुनहरे रंग में नहलाती है. अंतरिक्ष के शांत अंधेरे से एक नए दिन की गर्मी तक का यह सफर, पृथ्वी के घूमने की सुंदरता को दिखाता है. यह टाइम-लैप्स वीडियो हमारे ग्रह की जटिलता और परस्पर जुड़ाव का एक शानदार नमूना है. इस वीडियो में सैकड़ों किलोमीटर ऊपर से देखे गए मानव सभ्यता के निशान नजर आते हैं और प्राकृतिक चमत्कारों का हैरतअंगेज नजारा भी.
1. ISS दुनिया की पांच अंतरिक्ष एजेंसियों का ज्वाइंट प्रोजेक्ट है: NASA (अमेरिका), Roscosmos (रूस), ESA (यूरोप), JAXA (जापान), और CSA (कनाडा).
2. ISS पृथ्वी की सतह से लगभग 420 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा करता है. यह लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे (17,500 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से चलता है, यानी यह हर 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा कर लेता है.
3. ISS अंतरिक्ष में इंसान का बनाया अब तक का सबसे बड़ा ढांचा है. इसका साइज एक फुटबॉल मैदान के जितना है. इसमें छह-बेडरूम वाले घर के बराबर प्रेशराइज्ड रहने और काम करने की जगह है. ISS पर एक समय में छह अंतरिक्ष यात्री आराम से रह सकते हैं.
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4. ISS अंतरिक्ष में एक स्थायी प्रयोगशाला की तरह काम करता है. एस्ट्रोनॉट्स यहां रहते हुए जीव विज्ञान, भौतिकी, और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में प्रयोग करते हैं.
5. ISS पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्री प्रतिदिन 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं, क्योंकि स्टेशन तेज गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है. उन्हें माइक्रो-ग्रेविटी में रहना पड़ता है, जिससे उनके शरीर में मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों का घनत्व कम हो सकता है. इस वजह से वहां नियमित एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी होता है.