सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस पवित्र महीने में लोग शिवलिंग को जल अर्पित करके अपनी मनोकामना पूरी करने का आर्शीवाद प्राप्त करते है.
इस स्टोरी में हम जिस ज्योतिर्लिंग की बात कर रहे है वो आंध्र प्रदेश का मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है.ये आंध्र प्रदेश ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में अपना एक विशेष स्थान रखता है.
इस ज्योतिर्लिंग को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जब भगवान गणेश और कार्तिकेय की शादी की बात हो रही थी. तब उनके बीच शर्त लगीं कि जो पृथ्वी का सबसे पहले चक्कर लगा कर आएगा उसकी शादी सबसे पहले होगी.
इस परिक्रमा में गणेश जी जीत गए थे. जिससे उनकी शादी पहले हो गयी थी. जिसके बाद नाराज कार्तिकेय श्री शैल पर्वत की तरफ आ गए थे. जिसके बाद शिव जी ने उन्हें इस ज्योतिर्लिंग रूप में दर्शन दिया था.
ऐसा माना जाता है कि शिव और पार्वती जी इस शिव लिंग में विराजमान है. यहां पर दर्शन करने के लिए बड़ी तादाद में लोग आते है .
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. हमने इस खबर को लिखने में सामान्य जानकारियों और धार्मिक मान्यताओं की मदद ली है. इसके सही या गलत होने की पुष्टि ZEE NEWS हिंदी नहीं करता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़