Magh Maas: पौष मास की पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले गंगा-यमुना आदि महान नदियों, अन्य पवित्र नदियों, तालाबों, कुओं या बावड़ियों पर जाकर स्नान किया जाता है.
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Magh Maas 2024: पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ ही माघ मास का प्रारंभ हो जाता है. हिंदू पंचांग के प्रत्येक माहों में से ये माह पुण्य प्राप्त करने वाला है. इस बार इसका प्रारंभ 26 जनवरी शुक्रवार से होगा जबकि पौष पूर्णिमा 25 जनवरी को मनाई जाएगी. इस मास का समापन 24 फरवरी को पूर्णिमा के साथ होगा.
पवित्र नदियों में स्नान
पौष मास की पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले गंगा-यमुना आदि महान नदियों, अन्य पवित्र नदियों, तालाबों, कुओं या बावड़ियों पर जाकर स्नान किया जाता है. भगवान मधुसूदन की पूजा की जाती है. ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दिया जाता है. इस प्रकार धर्म-कर्म करने से भगवान मधुसूदन प्रसन्न होते हैं और माना जाता है की ऐसे व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान मिलता है.
पौराणिक महत्व
शास्त्रों में लिखा है कि जो मनुष्य पौष मास की पूर्णिमा को गंगा घाट या पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उन्हें देव-विमानों में बैठकर स्वर्ग जाने का अधिकार मिल जाता है. ऋषियों ने पूरे माघ मास में सूर्योदय से पहले नदी स्नान का विधान बतलाया है.
घाटों पर लग जाती है भीड़
उत्तर प्रदेश में स्थित गढ़ मुक्तेश्वर, प्रयागराज, हरिद्वार आदि तीर्थों पर गंगास्नान करने वालों की भीड़ लगी रहती है. माघ महीना आरम्भ होने से एकाध दिन पहले ही गंगा घाट पर दोनों ओर शिविरों की नगरी बसने लग जाती है. प्रयाग में भी संगम तट पर श्रद्धालु जन मास भर का कल्पवास करते हैं. सभी जन पूरे मास का कोई न कोई संकल्प लेते हैं. दिन भर भजन, कीर्तन, जप, प्रवचन आदि कार्यक्रम होते हैं.
जरूर करें दान
गंगा स्नान न कर सकने वाले श्रद्धालु घर में ही माघ स्नान का संकल्प करके पूरे माह नियम और व्रत से बिताते हैं. जिन लोगों के घर में गंगा जल हो वह माघ के पूरे महीने नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें. दान का अधिक महत्व होने के कारण अपनी क्षमतानुसार कुछ न कुछ जरूरतमंद को दान करते रहना चाहिए. मकर संक्रांति के दिन तो प्रत्येक व्यक्ति को दान करना ही चाहिए.