Vande Bharat Sleeper train Delay Reason: भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को बेंगलुरु स्थित BEML लिमिटेड द्वारा डेवलप किया जा रहा है. इस ट्रेन को दिसंबर 2024 तक चालू होना था लेकिन इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जाने के बाद इसके ट्रायल रन में देरी हो रही है.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की बाट जोह रहे लोगों के लिए अच्छी खबर के साथ-साथ एक बुरी खबर भी है. अच्छी खबर यह है कि देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट का प्रोटोटाइप तैयार हो गया है और जल्द ही इसका ट्रायल रन किया जाएगा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा है कि ट्रेन की रोलआउट की समयसीमा ट्रायल रन के सफल समापन पर निर्भर है.
वहीं, बुरी खबर यह है कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के सूत्रों का दावा है कि BEML ने टाइमलाइन के अंदर ट्रेन को तैयार करने के लिए जरूरी गुणवत्ता जांच किए बिना ट्रेन के इंटरनल वर्क को जल्दबाजी में पूरा किया है. भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को बेंगलुरु स्थित BEML लिमिटेड द्वारा डेवलप किया जा रहा है. इस ट्रेन को दिसंबर 2024 तक चालू होना था लेकिन चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जिसके बाद इसके ट्रायल रन में देरी हुई है.
मनीकंट्रोल ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि BEML ने उचित गुणवत्ता जांच किए बिना ट्रेन के आंतरिक कार्यों को जल्दबाजी में पूरा किया, जिससे ट्रेन में खराब कारीगरी हुई. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिसंबर 2024 में ऑपरेशनल होने वाली थी, लेकिन प्रोटोटाइप को अभी भी ट्रायल रन से गुजरना बाकी है.
BEML को लिखे लेटर में ICF ने प्रोटोटाइप ट्रेन सेट में खराब गुणवत्ता और 4 अक्टूबर को आई समस्या को अभी तक जस के तस छोड़ने को लेकर गंभीत चिंता जताई है. इस पत्र के माध्यम से ICF ने यह चेतावनी भी दी है कि ट्रेन के शुरू होने में लगातार हो रही देरी से रेलवे को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जनता बहुत ही उत्सुकता से वंदे भारत स्लीपर की शुरुआत का इंतजार कर रही है.
5 अक्टूबर को BEML को लिखे लेटर में ICF ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 81 समस्याएं को उजागर किया था. वहीं, हालिया लेटर में ICF ने कहा है कि BEML इन समस्याओं पर क्या काम कर रही है कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है.
हालांकि, ICF के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव ने मनीकंट्रोल को बताया है इसमें कोई देरी नहीं है. ट्रेन के प्रोटोटाइप सेट में मामूली कमीशनिंग और साइड फर्निशिंग दिक्कतों को दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रेन सेट को ऑसीलेशन ट्रायल के लिए 10 दिसंबर तक रेलवे डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ भेजा जाएगा.
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