Vande Bharat Sleeper Train: वंदे भारत चेयर कार के बाद अब वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है. इस ट्रेन का प्रोटोटाइप तैयार किया जा चुका है. जल्द ही ये ट्रेन यात्रियों के लिए शुरू कर दी जाएगी. इस ट्रेन का फर्स्ट लुक सामने आ चुका है. ट्रेन में ऐसी सुविधाएं मौजूद है, जो इसे राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों से बेहतर बनाती है. वहीं कई मामलों में तो ये ट्रेन प्लेन को भी टक्कर देती है.
देश में 78 वंदे भारत ट्रेनें चल रही है. पहली स्लीपर वंदे भारत चलने के तैयार है. 120 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस ट्रेन में ऐसी सुविधाएं है, जो इसे राजधानी एक्सप्रेस समेत तमाम ट्रेनों से बेहतर बनाती है. वंदे भारत स्लीपर ट्रेन हाईटेक सुविधाओं से लैस है. हाईटेक सुविधाओं और सेफ्टी फीचर्स के साथ बनी इस ट्रेन में 16 कोच है, जिसे आगे बढ़ाकर 24 करने की योजना है. टच सेंसर वाले दरवाजे, टच-फ्री बायो-वैक्यूम टॉयलेट और टॉक-बैक यूनिट इसे बेहतरी ट्रेनों में शामिल करते हैं.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कई नई सुविधाएं हैं. जैसे सेंसर एक्टिव इंटरकनेक्टिंग दरवाजे लगाए गए हैं. जहां कोच में सिर्फ एक टच से खुलने वाले दरवाजे लगे हैं तो वहीं टायलेट में आपको कोई बटन नहीं मिलेगा. बिना बटन दबाए पानी मिलेगा. ये सुविधाएं इस ट्रेन को फ्लाइट से भी बेहतरीन बनाती है.
16 कोच वाली यह ट्रेन पूरी तरह एसी है और इसमें एक साथ 820 पैसेंजर्स सफर कर पाएंगे. ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे की है. यानी स्पीड के मामले में यह ट्रेन राजधानी को पछाड़ रही है.
सेफ्टी फीचर की बात करें तो इमर्जेंसी ब्रेक सिस्टम लगा हुआ है. जिसका कंट्रोल काफी साइंटिफिक तरीके किया जाता है,वहीं टक्कर से बचाने के लिए ट्रेन में कवच सिस्टम लगे हैं. ट्रेन हादसों से बचाने के लिए टक्कर रोधी प्रणाली ‘कवच’ और एंटी-क्लाइम्बिंग टेक्नोलॉजी भी लगाई गई है.
इस ट्रेन में टच-फ्री बायो-वैक्यूम टॉयलेट और टॉक-बैक यूनिट लगाई गई हैं. ट्रेन के ऊपर वाले बर्थ पर चढ़ने के लिए सीढ़ियां और फ्लाइट-स्टाइल अटेंडेंट बटन होंगे.
इस ट्रेन को बनाने पर 120 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस ट्रेन का डिजाइन ICF के इंजीनियरों ने तैयार किया है. ट्रेन का कोच BEML में किया गया है. ट्रेन के दोनों सिरों पर ड्राइवर का कैबिन है. इस ट्रेन को खींचने के लिए लोकोमोटिव की जरूरत नहीं होती. वहीं ट्रेन का अंतिम स्टेशनों पर टर्न राउंड कम है.
इस ट्रेन में यात्रियों को सफर के दौरान झटका या जर्क नहीं लगेगा, ट्रेनों में सफर के दौरान उन्हें राजधानी से बेहतर अनुभव होगा.
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