गहरा समुद्र पृथ्वी पर सबसे कम खोजे गए वातावरणों में से एक है और कम लोगों ने इसका दौरा किया है. इसलिए, यदि आपको लगता है कि चांद की सतह पर मनुष्यों का रहना एक फिजूल की बात है, तो समुद्र के अंदर रहने के बारे में सोचा जा सकता है.
लोग समुद्र के 200 मीटर नीचे अंदर रहने की कोशिश कर रहे हैं, जहां सूरज की रोशनी मुश्किल से छूती है और आपको बाकी जगह सिर्फ काली ही दिखेंगी. 200 मीटर नीचे, दबाव सतह की तुलना में लगभग 21 गुना अधिक होता है. पानी का तापमान लगभग चार डिग्री तक गिर जाएगा.
इन परिस्थितियों के बावजूद, महासागर प्रौद्योगिकी कंपनी डीप ने रिसर्च को 2027 से काम करने का फैसला लिया है. उन्होंने एक स्थायी सब-सी स्टेशन बनाने की कसम खाई है. पहले, पानी के नीचे की सुविधाएं केवल अस्थायी थीं.
डीप की हाल ही में सामने आई योजनाओं के अनुसार, मनुष्य समुद्र के ट्वेलाइट जोन में रह सकते हैं, जहां सूरज की रोशनी मुश्किल से पहुंचती है. महासागरों की सतह के इतने नीचे मौजूद मनुष्यों के लिए लाइफस्टाइल का कोई बड़ा आकर्षण नहीं है.
यहां पर रहने, सोने, रसोई और कार्य स्थान हैं. इस अंधेरे क्षेत्र में जीवन की गुणवत्ता के कारण रिसर्च एक समय में केवल 28 दिनों तक ही बेस में रह पाएंगे. डीप के अमेरिकी अध्यक्ष सीन वोल्पर्ट ने कहा, "दृष्टि से दूर और दिमाग से बाहर - महासागरों की बेहतर समझ न होना अब कोई विकल्प नहीं है."
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