Places To Visit in Gaya: बिहार के गया जिले को 'मोक्ष स्थली' के रूप में जाना जाता है. पितृपक्ष के दौरान यहां देश-विदेश के लाखों लोग पिंडदान करने आते हैं, जिससे उनके पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिल जाए. प्रशासन ने भी इसके लिए कई तैयारियां की है. अगर आप भी इस दौरान गया जा रहे हैं, तो यहां के कई दर्शनीय स्थल को ट्रैवल लिस्ट में शामिल कर सकते हैं.
विष्णुपद मंदिर का निर्माण 1787 में रानी अहिल्याबाई ने करवाया था. फल्गु नदी के किनारे स्थित ये धार्मिक स्थल अपनी सुंदर कलाकीर्ति के लिए जाना जाता है. गया में स्थित इस मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. यहां भक्त भारी संख्या में दर्शन करने आते हैं.
दशरथ मांझी को 'माउंटेन मैन' कहा जाता है जो गया के पास गहलौर गांव में रहते थे, उन्होंने 22 साल की कड़ी मेहनत के दम पर पहाड़ तोड़कर रास्ता बना दिया था. इसके कारण अतरी और वजीरगंज की दूरी 55 किलोमीटर से घटकर 15 किलोमीटर रह गई थी. दशरथ मांझी की याद में यहां एक स्मृति स्थल बनाया गया है.
गया के पास बोधगया में महाबोधि मंदिर है, जिसे भारत के सबसे प्राचीन बौद्ध मंदिरों में गिना जाता है जिसे साल 2002 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया था. यहां जापान, श्रीलंका, कंबोडिया और उत्तर कोरिया समेत दुनियाभर के लोग धार्मिक तीर्थयात्रा के लिए आते हैं.
बोधि वृक्ष एक प्राचीन पेड़ है जो महाबोधि मंदिर के परिसर में देखने को मिल जाएगी ऐसा माना जाता है कि 500 ईसा पूर्व में गौतम बुद्ध ने इसी के नीचे ज्ञान की प्राप्ति की थी. यही कारण है कि इस पेड़ का धार्मिक महत्व काफी ज्यादा है और इसे अब तक बचाकर रखा गया है
गया में डुंगेश्वरी गुफा में स्थित मंदिर काफी प्रसिद्ध है, ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति से पहले यहां प्रवास किया था. इस स्थान को महाकाल गुफा भी कहा जाता है जहां कई मंदिर हैं जो भक्तों के लिए बेहद पवित्र हैं.
बुद्ध की विशाल मूर्ति से तकरीबन 500 मीटर दूर रॉयल भूटान मॉनेस्ट्री है, जहां लोग सुकून की तलाश में आते हैं. इसकी टाइमिंग सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक है, हालाँकि दोपहर 12 से 1 के बीच ये धार्मिक स्थल बंद रहता है. यहां दर्शन करने के लिए किसी तरह का टिकट नहीं लगता.
बुद्ध की विशाल मूर्ति बोधयगा में स्थित है, यहां गौतम बुद्ध ध्यान मुद्रा में बैठे हुए नजर आ रहे हैं. इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 25 मीटर है. इसका निर्माण साल 1989 में पूरा हुआ था. इस स्टैच्यू को रेड ग्रेनाइट और सैंडस्टोन से बनाया गया था.
गुरपा हिल्स पर बना ये मंदिर गया रेलवे स्टेशन से तकरीबन 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध के शिष्य महाकश्यप ने यहां पर निर्वाण की प्राप्ति की थी. इस पहाड़ी की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है. आप इस जगह वॉटरफॉल, जंगल, सनराइज और सनसेट देख सकते हैं.
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