Rajasthan Election Results 2023: राजस्थान असेंबली चुनाव का रिजल्ट 3 दिसंबर को आने वाला है. उससे एक दिन पहले बीजेपी की वरिष्ठ नेता और सीएम पद की दावेदार मानी जा रही वसुंधरा राजे सिंधिया का दिन मंदिरों के दर्शनों में बीता.
वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) सबसे पहले जयपुर के मोती डूंगरी मंदिर में दर्शन करने पहुंचीं. वहां पर उन्होंने एकदंत भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करके प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की. उनके साथ परिवार और पार्टी के कुछ खास लोग मौजूद रहे.
वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ग्वालियर के सिंधिया राजपरिवार की बेटी हैं. उनके पिता का नाम जीवाजीराव सिंधिया और माता का नाम विजयाराजे सिंधिया था. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे माधवराव सिंधिया वसुंधरा राजे के भाई थे. उनका विवाह धौलपुर के जाट राजघराने में हेमंत सिंह के साथ हुआ.
वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की पहचान दबंग और लड़ाकू तेवर वाली नेता के रूप में रही है. वे जितनी दृढता से विपक्ष पर हमला बोलती हैं, वैसी ही मजबूती से पार्टी में अपनी बात मनवाती रही हैं. हालांकि इस बार पार्टी में उनके वे तेवर काफी हद तक गायब नजर आ रहे हैं.
जयपुर में भगवान गणेश के दर्शन करने के बाद वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) दौसा जिले में दौसा स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के पहुंची. वहां पर उन्होंने बजरंग बली के दर्शन कर चुनाव में जीत का आशीर्वाद मांगा. इस मौके पर मंदिर के पुजारियों ने हवन भी किया.
वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) का राजनीतिक सफर वर्ष 1984 में बीजेपी जॉइन करने से शुरू हुआ था. इसके बाद उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया. वर्ष 1991 में वे झालावाड़ सीट से पहली बार लोकसभा सांसद चुनी गई. वर्ष 1998 में उन्हें वाजपेयी सरकार में विदेशी मंत्री बनाया गया.
महारानी के रूप में चर्चित वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) वर्ष 2003 में पहली बार राजस्थान की सीएम की बनी. इसी के साथ वे राजस्थान में पहली महिला सीएम भी बन गईं. दस साल बाद वर्ष 2013 में वे फिर से राजस्थान की सीएम बनी. इस बार पार्टी नेतृत्व उनकी सीएम दावेदारी पर चुप है. ऐसे में ऊंट क्या करवट लेगा, यह किसी को पता नहीं है.
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