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लेह जाने का बना रहे प्लान तो अभी रुक जाएं, कैंसिल हो रही लद्दाख की उड़ानें! बड़ी वजह आई सामने

लेह-लद्दाख – भारत का स्वर्ग. हिमालय की गोद में बसा हुआ यह खूबसूरत शहर, हर यूथ का यहां जाने का सपना होता है. लेह लद्दाख हर साल लाखों सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. सर्दियों की चादर ओढ़े यह शहर एक अलग ही नजारा पेश करता है. लेकिन इस बार लेह में काफी गर्मी पड़ रही है और अगर आप भी लेह जाने का प्लान बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए थोड़ी निराशाजनक हो सकती है. इन दिनों लेह जाने वाली उड़ानें लगातार कैंसिल हो रही हैं. आइए विस्तार में जानें क्या कारण हैं.

 

देश का सबसे ऊंचा एयरपोर्ट

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देश का सबसे ऊंचा एयरपोर्ट

देश के सबसे ऊंचे एयरपोर्ट लेह में इस साल कुछ ऐसा हो रहा है जो किसी को यकीन नहीं हो रहा. जहां आम तौर पर कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के लिए मशहूर लेह में इस बार गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इस बढ़ती गर्मी के कारण एयरलाइंस को उड़ानें कैंसिल करने पड़ रहे हैं.

लेह में बढ़ता तापमान

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लेह में बढ़ता तापमान

जी हां, आपने सही पढ़ा! लेह में इन दिनों तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. इस भीषण गर्मी के कारण हवा की डेंसिटी कम हो गया है, जिससे विमानों का उड़ान भरना मुश्किल हो गया है. पिछले कुछ दिनों से इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस को दोपहर के समय कई फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी है.

12 उड़ाने हुई रद्द

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12 उड़ाने हुई रद्द

लेह एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, पिछले साल ऐसे हालात नहीं थे. लेकिन इस साल तापमान में अचानक बढ़ोतरी ने सबको चौंका दिया है. रोजाना लेह एयरपोर्ट पर 15-16 विमानों की आवाजाही होती है, लेकिन शनिवार से शुरू हुई इस समस्या ने रविवार को और विकराल रूप धारण कर लिया. जहां दो फ्लाइटें रद्द हुईं, वहीं सोमवार को तो स्थिति और बिगड़ गई और छह फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी.

रहें सावधान

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रहें सावधान

लेह जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से आपकी यात्रा पर असर पड़ सकता है. इसलिए अपने ट्रिप की प्लानिंग करते समय मौसम की जानकारी जरूर ले लें.

ग्लोबल वार्मिंग का असर

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ग्लोबल वार्मिंग का असर

ऐसा पहली बार हुआ है जब गर्मी की वजह से किसी एयरपोर्ट पर उड़ानें कैंसिल हुई हैं. यह ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव का एक और उदाहरण है. अगर इसी तरह तापमान बढ़ता रहा तो आने वाले समय में लेह जैसे पहाड़ी इलाकों में यात्रा करना और भी मुश्किल हो सकता है.

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