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इस विशाल मंदिर के अंदर बसा है शहर, कल पीएम मोदी करेंगे दर्शन, देखें Photos

Ranganathaswamy Temple Photos: 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिन का विशेष अनुष्‍ठान कर रहे हैं. इसके तहत वे देश के प्रमुख मंदिरों में दर्शन, पूजन-पाठ कर रहे हैं और यम नियमों का पालन करते हुए व्रत भी कर रहे हैं. इसके तहत 20 जनवरी को पीएम मोदी त्रिची श्रीरंगम में श्री रंगनाथसामी मंदिर पहुंचेंगे. यह देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक और बेहद भव्‍य है. 

बेहद विशाल है मंदिर

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बेहद विशाल है मंदिर

पीएम मोदी दक्षिण भारत के श्री रंगनाथसामी मंदिर में पूजन-पाठ करेंगे. यह मंदिर बेहद विशाल है और 156 एकड़ में फैला हुआ है. भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में मूर्ति से लेकर मंदिर की विशालता, खूबसूरती, भव्‍यता आदि सभी कुछ बेहद खास है. 

मंदिर के अंदर बसा है शहर

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मंदिर के अंदर बसा है शहर

श्री रंगनाथस्‍वामी मंदिर प्राचीन मंदिर है और 631,000 मीटर स्क्वेयर में बना हुआ है. कह सकते हैं कि इस मंदिर परिसर के अंदर पूरा शहर बसा हुआ है. दरअसल, मंदिर के प्रांगण के अंदर ना केवल होटल और सामान्‍य दुकानें हैं, बल्कि रहने के लिए पूरा रेसिडेंशियल प्लेस, बड़ा मार्केट समेत कई सुविधाएं हैं. इस मंदिर के अंदर 49 धार्मिक स्थल भी बने हैं, जो भगवान विष्णु को ही समर्पित हैं. 

भगवान विष्‍णु की लेटी हुई प्रतिमा

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भगवान विष्‍णु की लेटी हुई प्रतिमा

भगवान विष्णु को दक्षिण में श्री रंगनाथ स्वामी कहा जाता है. इस मशहूर मंदिर श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु की शेषनाग की शैय्या पर लेते हुए विशाल मूर्ति है. 

1000 स्‍तंभों पर बना है मंदिर

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1000 स्‍तंभों पर बना है मंदिर

इस मंदिर का वास्तुशिल्प तमिल शैली पर आधारित है. मंदिर 21 गोपुरम (द्वार) और 1000 स्तंभों से बना है. हालांकि अब इसके 953 स्तंभ ही दिखते हैं. इस प्राचीन मंदिर को ग्रेनाइट के पत्थरों से विजयनगर काल (1336-1565) में बनाया गया था. 

भारत का सबसे ऊंचा मंदिर

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भारत का सबसे ऊंचा मंदिर

श्री रंगनाथस्‍वामी मंदिर भारत का सबसे उंचा मंदिर है. कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान राम ने लंबे समय तक पूजा की थी. रावण वध के बाद जब भगवान राम लंका को विभीषण के हाथों में सौंपकर वापस लौट रहे थे, तब यहीं पर प्रभु राम के रास्‍ते में भगवान विष्‍णु प्रकट हुए थे और उन्‍होंने इसी जगह पर रहने की इच्‍छा जताई थी. तब से ही यहां विष्‍णु जी की पूजा हो रही है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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