वैसे तो हर महीने कुछ न कुछ खगोलीय घटनाएं होती रहती हैं लेकिन अक्टूबर का महीना खास रहने वाला है, जहां एक तरफ विशालकाय एस्टेरॉयड धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है तो दूसरी तरफ सूरज और चांद पर ग्रहण भी लगने वाला है. इसके अलावा इसी महीने टूटते तारों की बारिश भी होने वाली है.
खगोलीय घटनाओं को रोक पाना इंसानी बूते के बाहर है. हालांकि उनसे होने वाले खतरों को कम करने की कोशिश जरूर की जाती है.
अक्टूबर के महीने में सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. 12 अक्टूबर को यह दुनिया के अलग अलग हिस्सों में यह नजर आएगा हालांकि भारत में यह नजरों से ओझल रहेगा.
9 अक्टूबर को टूटते तारों की बारिश होगी. इसमे हर घंटे करीब 400 तारे टूटते नजर आएंगे. खास बात यह है कि आप इसे नंगी आंखों से भी देख सकते हैं. 21 और 22 अक्टूबर को टूटते तारों की बारिश अपने चरम पर होगी.
अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में यानी 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण की घटना होगी. इसे भारत में देखा जा सकेगा. दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर रात 2 बजकर 22 तक ग्रहण का समय काल है.
दो अन्य एस्टेरॉयड का आकार बोइंग विमान की साइज के बराबर है. सवाल यह है कि क्या इससे तबाही मचने वाली है तो इसका जवाब ना में है. ये सभी एस्टेरॉयड धरती से करीब 6 लाख किमी दूर से गुजरेंगे
दो अन्य एस्टेरॉयड का आकार बोइंग विमान की साइज के बराबर है. सवाल यह है कि क्या इससे तबाही मचने वाली है तो इसका जवाब ना में है. ये सभी एस्टेरॉयड धरती से करीब 6 लाख किमी दूर से गुजरेंगे.
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