Worlds Longest Film In History: आपने अपनी जिंदगी में कितनी लंबी फिल्म देखी होगी, ज्यादा से ज्यादा 3 घंटे या सवा 3 घंटे. अब आप कहेंगे कि इससे ज्यादा लंबी कोई फिल्म ही नहीं होती. तो आज हम आपकी ये गलतफहमी दूर कर देते हैं. दरअसल, आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको देखने के लिए आपके पास कम से कम 87 घंटे होने चाहिए. यानी आप इस फिल्म को 3 दिन और 15 घंटे तक देख सकते हैं. जी हां, चलिए आपको बताते हैं इस फिल्म के बारे में और ज्यादा.
सिनेमा एक ऐसी दुनिया है, जिसमें कई लोग अपनी पूरी जिंदगी बिता देते हैं. लोग फिल्मों को पसंद करते हैं, खासकर जब कहानी अच्छी और मजबूत हो. इत तरह की फिल्में फिर चाहे कितनी भी लंबी हों. हालांकि, फिल्म बनाने वाले लोग इस बात का खास ध्यान रखते हैं कि फिल्म उतनी ही लंबी हो जितने में दर्शक को देखने में कोई परेशानी न हो और वो बोर न हो. आमतौर पर फिल्में 2 या ढाई घंटे लंबी होती हैं. कभी कभार 3 घंटे भी हो जाती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं वो 87 घंटे लंबी फिल्म है.
आज हम आपको एक ऐसी खास फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 37 साल पहले, यानी 1987 में आई थी. इस फिल्म का नाम 'द क्योर फॉर इंसोमनिया' है. ये हॉलीवुड की एक यूनिक फिल्म मानी जाती है, जो फिल्मी इतिहास की सबसे लंबी फिल्म मानी जाती हैं, क्योंकि इसकी लंबाई 87 घंटे है. इतनी लंबी फिल्म देखना एक अलग अनुभव है. इतना ही नहीं, इस फिल्म की कहानी से लेकर सीन तक सभी काफी यूनिक है. अगर आप लंबी फिल्मों के शौकीन हैं, तो ये फिल्म देख सकते हैं.
इस फिल्म को देखने में 3 दिन और 15 घंटे लगते हैं. इस फिल्म की कहानी नींद न आने की समस्या से जुड़ी है. इतनी लंबी फिल्म देखना एक अलग अनुभव होगा, जो आपने शायद पहले कभी नहीं किया होगा. इस फिल्म के जरिए नींद की कमी और उससे जुड़े संघर्षों को समझने का मौका मिलता है. इस फिल्म की कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देती है. ये फिल्म उन लोगों के लिए है जो सो नहीं पाते. इसमें एक एक्सपेरिमेंट दिखाया गया है, जिससे उनकी बायोलॉजिकल क्लॉक को ठीक किया जा सके ताकि वे अच्छे से सो सकें.
इस फिल्म का निर्देशन जॉन हेनरी टिमिस ने किया है और इसका रन टाइम 5220 मिनट है. इसमें कोई कहानी या प्लॉट नहीं है. फिल्म में आर्टिस्ट एलडी ग्रोबन अपने 4080 पन्नों की कविताएं पढ़ते हैं. इसे पहली बार शिकागो के स्कूल ऑफ द आर्ट इंस्टीट्यूट में दिखाया गया था. इस फिल्म में बीच-बीच में कुछ पोर्नोग्राफिक कंटेंट भी शामिल है, जो इसे और खास बनाता है. फिल्म की ये अनोखी विशेषताएं इसे बाकी फिल्मों से अलग बनाती है. इसमें मेटल वीडियो और कुछ एक्स-रेटेड फुटेज भी दिखाए गए हैं.
इस फिल्म को 31 जनवरी, 1987 को रिलीज किया गया और ये 3 फरवरी 1987 तक चली थी. इसे बिना किसी ब्रेक के 3 दिन और 15 घंटे तक चलाया गया था. ये फिल्म उन लोगों के लिए बनाई गई थी जिन्हें नींद न आने की बीमारी है. इसलिए इसका नाम इसी बीमारी पर रखा गया. इतना ही नहीं, इस फिल्म का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है और इसे दुनिया की सबसे लंबी फिल्म का दर्जा मिला है. इसकी लंबाई और खासियत ने इसे एक यूनिक बनाचा है और एक अलग स्थान दिलाया है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़