Siachen & sir creek issue: सियाचिन और सर क्रीक इन दोनों मामले पर परवेज मुशर्रफ, तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के साथ डील करने वाले थे, लेकिन बीच में वहां के वकीलों ने और सेना के अधिकारियों ने अड़ंगा लगा दिया. आइए जानते हैं क्या है मामला?
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Pervez Musharraf: पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन हो चुका है, लेकिन इतिहास उन्हें शायद ही माफ करे क्योंकि भारत ही नहीं उनके शासन काल में पाकिस्तान की जनता भी बहुत परेशान हुई थी. ऐसे में आप जानते ही होंगे कि कारगिल में होने वाली घुसपैठ के पीछे परवेज मुशर्रफ का ही हाथ माना जाता है. ऐसे में आपको जानकर हैरानी होगी कि वे कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधान मंत्री के साथ डील करने वाले थे. इसमें सियाचिन और सरक्रीक के बारे में चर्चा होनी थी, लेकिन ये बात इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि उनकी सेना ही उनके खिलाफ हो गई और वकील भी उनके खिलाफ हो गए.
प्रधान मंत्री को नहीं लगी भनक!
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान की सेना के टॉप जनरल अशफाक परवेज कयानी सहित कई कोर कमांडरों ने वकीलों को अपने पक्ष में कर लिया था और उन्हें भड़काकर मुशर्रफ के खिलाफ कर दिया था. ये विरोध इतना हुआ कि वे कुर्सी छोड़ने पर मजबूर हो गए. आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए, भारत के साथ ये समझौता वही परवेज मुशर्रफ कर रहे थे. जिन्होंने कारगिल में घुसपैठ कराई थी और इन सब बातों के बारे में प्रधान मंत्री को भनक तक नहीं लगने दी थी. इसे बाद पीएम नवाज शरीफ ने उन्हें हटाने की कोशिश की लेकिन मुशर्रफ ने उनका ही तख्तापलट कर दिया. फिर जब वे सत्ता में आ गए तो, भारत के प्रति उनका रुख बदल गया.
सरक्रीक और सियाचिन की होने वाली थी डील
आगरा शिखर सम्मेलन में मुशर्रफ ने अड़ियल रुख अपनाया था और उस वजह से बात असफल रही थी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट की माने तो मुशर्रफ 2007 में सरक्रीक और सियाचिन को लेकर डील होने वाली थी. ये बात तत्कालीन प्रधान मंत्री के साथ होने वाली थी. रिपोर्ट की माने तो इस डील के लिए प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाले थे. इसके अलावा कश्मीर मुद्दे को लेकर दोनों के बीच बात बहुत आगे तक जा चुकी थी. दोनों देश चाहते थे कि कश्मीर का हल हो, इसके लिए चर्चा हो.
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