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Rajashtan News: 1961 के दहेज निषेध अधिनियम के अनुसार, दहेज देना भारत में अवैध है. भारतीय दंड संहिता के अनुसार, अगर कोई दहेज मांगते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे कम से कम 7 साल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. इस कदाचार के खिलाफ इतने कड़े कानूनों के बावजूद, दहेज प्रथा अभी भी भारत के कुछ ग्रामीण हिस्सों में प्रचलित है. दहेज के ऐसे ही एक अन्य मामले में, राजस्थान के नागौर जिले में स्थित ढींगसारा गांव के चार भाई अपनी बहन की शादी के लिए दहेज के रूप में 8 करोड़ 31 लाख रुपये की मोटी रकम देने के लिए सुर्खियों में हैं.
चार भाइयों ने मिलकर बांट दिए 800 करोड़ रुपये
यह नागौर जिला दहेज के एक रूप मायरा की परंपरा के लिए नया नहीं है. लेकिन, इन चारों भाइयों ने गांव में ऐसा मोटा दहेज देकर इतिहास रच दिया है जो पहले कभी किसी ने नहीं दिया. चार भाइयों - अर्जुन राम महरिया, भागीरथ महरिया, उम्मेद जी महरिया, और प्रह्लाद महरिया ने 26 मार्च को अपनी बहन भंवरी देवी की शादी के लिए एक बड़ी राशि का भुगतान किया.
शादी में दहेज में क्या-क्या दिया?
यह सुनकर कई लोग हैरान हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दहेज में 2.21 करोड़ रुपये नकद, 100 बीघा जमीन, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपये है, गुढ़ा भगवानदास गांव में 50 लाख रुपये की 1 बीघा जमीन, 71 लाख रुपये कीमत का 1 किलो से ज्यादा सोना शामिल है. 14 किलो चांदी, जिसकी कीमत 9.8 लाख रुपये है. शेष 800 सिक्के ग्रामीणों में बांट दिए गए. एक ट्रैक्टर जिसकी कीमत 7 लाख थी वह भी दहेज में शामिल था.
इससे पहले आखिर क्या था रिकॉर्ड
इतना ही नहीं, भाइयों ने दूल्हे के लिए अन्य वाहनों के साथ एक स्कूटर भी उपहार में दिया है, जिसे सैकड़ों बैलगाड़ियों और ऊंटगाड़ियों की मदद से धींगसारा गांव से रायधनू गांव लाया गया. इस मायरा की परंपरा जल्द ही ढींगसारा गांव में चर्चा का विषय बन गया, बारात देखने के लिए विवाह स्थल पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए. इससे पहले बुरदी गांव निवासी भंवरलाल चौधरी ने तीन करोड़ 21 लाख रुपये मूल्य का मायरा भेंट किया था. भंवरलाल ने अपनी बहन के विवाह समारोह के अवसर पर दूल्हे को एक सजी-धजी चुन्नी भेंट की. लेकिन अब भागीरथ महरिया के परिवार ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
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