जैसा कि आपने हमेशा मुर्गियों को अंडे देते देखा और सुना होगा. लेकिन 'द मेट्रो' में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक लेकिन चीन की ये चट्टान अंडे देती है. ये चट्टान पूरे तीस साल तक अंडे को अपने अंदर रखकर सेती है. तीस साल बद ये अंडे चट्टान से खुद अलग हो जाते हैं. इस चट्टान की ऊंचाई 19 फीट और लंबाई 65 फीट है. इस अद्भुत और अकल्पनीय घटनाक्रम को देखने के लिए पूरे चीन से लोग यहां आते हैं और दुआ करते हैं कि काश उन्हें एक अंडा मिल जाए. ऐसा कहा जाता है कि जो भी यहां का पत्थर चुराता है उसका भाग्य बन जाता है.
गुलू गांव (Gulu Village) के नजदीक बनी इस गुफा के बारे में इलाके के लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने बुजुर्गों से इसके बारे में सुना था. जो भी हो ये भाग्य की बात है तभी लोग इसे साथ ले जाना चाहते हैं अभी यहां करीब 70 ऐसे अंडे बचे हैं जिन्हें अब तक संरक्षित किया जा सका है जबकि बाकी इसके बाकी अंडे चुरा लिए गए या कहीं और बेंच दिए गए.
इस रहस्यमयी टीले को चन दन या के नाम से जाना जाता है. ये अंडे देने वाली चट्टान काले रंग की है. जिसके अंडे बाहर से चिकने होते हैं. ये अपने आप चट्टान की सतह से धीरे-धीरे बाहर की तरफ निकलने लगते हैं और तीस साल बाद खुद उससे अलग हो जाते हैं जैसे कोई नेचुरल प्रसव की प्रकिया पूरी हुई हो.
ये अंडे काले और ठंडी सतह के होते हैं. चीनी लोगों का मानना है कि ये अंडा बड़े सौभाग्य का प्रतीक है इसलिए लोग इसे पाने की चाहत में हर साल यहां आते हैं. हालांकि ऐसे लोग सिर्फ इन्हें देखकर लौट जाते हैं क्योंकि हर किसी की किस्मत में ये नहीं होता कि वो वहां मौजूद हो और उसके सामने चट्टान से अंडा टूटकर गिरे और वो उसे लेकर सीधे अपने घर चला जाए.
इन अंडे का रहस्य सुलझाने में वैज्ञानिक भी सालों से लगे हैं. भू वैज्ञानिकों के मुताबिक ये चट्टान करोड़ों साल पुरानी है. इस क्षेत्र पर किए गए भूवैज्ञानिक परीक्षणों से पता चला है कि यह चट्टान करीब 500 मिलियन साल पहले कैम्ब्रियन काल के दौरान बनी थी. ये वही कैलकेरिअस चट्टान है जो दुनिया के कई देशों में पाई जाती है. इस चट्टान का खास हिस्सा माउंट गैंडेंग के क्षेत्र में आता है. यहां काम कर चुके एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर चट्टान के बनने और नष्ट होने में लगने वाले समय के बीच हुई किसी प्रतिक्रिया के चलते इस खास अंडों वाले हिस्से का निर्माण हुआ होगा.
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