Flight Online Booking: फ्लाइट से सफर करना काफी आसान रहता है. हालांकि जब भी फ्लाइट से सफर करें तो कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए. वहीं कई बार फ्लाइट में सफर करते हुए सामान को भी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में इस केस में एयरलाइन कंपनी को मुआवजा भी देना पड़ता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
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Flight Price: देश में फ्लाइट से सफर करने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. लोग अब टाइम को महत्व देते हुए फ्लाइट से सफर करना ज्यादा सही समझते हैं. फ्लाइट में जब भी सफर करते हैं तो चेकइन के वक्त भारी सामान, बैग आदि भी जमा करना पड़ता है. हालांकि कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि फ्लाइट में आपके सामान को नुकसान पहुंच जाता है, जिससे आपका बैग टूट जाता है. ऐसे में एयरलाइंस की भी कुछ जिम्मेदारियां होती है और इसके बारे में हर आम नागिरक को जानकारी होनी चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...
एयरलाइन है जिम्मेदार
जब आपके सामान को नुकसान एयरलाइंस के जरिए पहुंचता है या चेकइन के वक्त सामान जमा करने के बाद आपका सामान चोरी हो जाता है या बैग में से कुछ सामान चोरी हो जाता है तो इसके लिए एयरलाइन कंपनी जिम्मेदारी होती है. एयरलाइंस किसी यात्री के क्षतिग्रस्त सामान और उसकी सामग्री की मरम्मत या प्रतिपूर्ति करने के लिए जिम्मेदार है.
मुआवजे की मांग
ये क्षति तब की मानी जाएगी जब सामान ट्रैवल के दौरान एयरलाइन के नियंत्रण में होता है. हालांकि एयरलाइंस बैग को पहले से हुई क्षति या अनुचित पैकिंग के कारण हुई क्षति के लिए जिम्मेदार नहीं है. ऐसे में जब सामान एयरलाइंस की गलति के कारण खराब, या टूट जाता है तो उसके लिए एयरलाइंस कंपनी से मुआवजे की भी मांग की जा सकती है.
यात्रियों को राहत
एयरलाइंस की गलती के कारण अगर सामान को नुकसान हुआ है तो इस पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी यात्रियों को राहत प्रदान की है, जिसका वे हवाई परिवहन अधिनियम, 1972 की तीसरी अनुसूची के नियम 22(2) के अनुसार दावा कर सकते हैं. सामान खोने/क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में वाहक की देनदारी 20,000/- रुपये तक की हो सकती है. ऐसे में कुछ बातों का रखें ध्यान-
अंतर्राष्ट्रीय परिवहन के लिए:
- सामान खोने, देरी या क्षति के मामले में लायबिलिटी प्रति यात्री 1,131 एसडीआर (विशेष आहरण अधिकार) तक सीमित है.
- कार्गो में देरी या क्षति के मामले में 19 एसडीआर प्रति किलोग्राम तक सीमित है.
- एसडीआर का रखरखाव अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के जरिए किया जाता है.
घरेलू परिवहन के दौरान:
- सामान खोने, देरी या क्षति के मामले में लायबिलिटी प्रति यात्री 20,000 रुपये तक सीमित है.
- कार्गो में देरी या क्षति के मामले में यह 350 रुपये प्रति किलोग्राम तक सीमित है.
सबूत रखना जरूरी
वहीं जब बैग की क्षति की मरम्मत नहीं की जा सकती, तो एयरलाइंस बैग के मूल्य और उसके डेप्रिशिएशन के आधार पर मुआवजे की राशि पर बातचीत करेगी. वहीं एयरलाइन ग्राहक को नया बैग देने का ऑफर भी कर सकती है. हालांकि ग्राहकों के पास पूरे सबूत होने चाहिए कि उनका बैग कहां-कहां क्षतिग्रस्त हुआ है या बैग के अंदर रखा कोई सामान क्षतिग्रस्त हुआ हो. इसके साथ ही बैग खरीदने की रसीद, बैग की बाहर से फोटो, बैग की अंदर से फोटो, बैंग के अंदर के कीमती सामान की फोटो आदि सबूत के तौर पर होनी चाहिए.