ऑफिस में 8 घंटे से ज्यादा बैठते हैं आप? तो 50% तक बढ़ सकता है दिल की बीमारियों का खतरा
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ऑफिस में 8 घंटे से ज्यादा बैठते हैं आप? तो 50% तक बढ़ सकता है दिल की बीमारियों का खतरा

Sitting increases risk of heart disease: से लोग जो प्रति दिन 8 या इससे अधिक घंटे बैठते थे उनकी जान को खतरा ज्यादा है. साथ ही दिल की अनेक बीमारियां (कार्डियो वैस्कुलर डिसीज) जैसे Myocardial infarction, Stroke, या Heart Failure का खतरा 17% से 50% तक ज्यादा महसूस किया गया.

ऑफिस में 8 घंटे से ज्यादा बैठते हैं आप? तो 50% तक बढ़ सकता है दिल की बीमारियों का खतरा

Sitting increases risk of heart disease: क्या आप भी अपने घर, दफ्तर या अन्य किसी जगह पर बैठने के लिए सीट की तलाश में रहते हैं? क्या आप उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें खड़े रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं? अगर हां तो आपको हमारी यह रिपोर्ट जरूर देखनी चाहिए.ट्रेन या बस में खाली सीट हो या आपके दफ्तर या घर में महंगी आरामदायक कुर्सी, यह सभी आपके लिए बड़ा खतरा बन रही हैं और यह बात एक इंटरनेशनल रिसर्च स्टडी में सामने आई है.

ज्यादा देर बैठने से बीमारियों का खतरा

साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी की एक इंटरनेशनल रिसर्च स्टडी में जो बातें सामने आई हैं उसे सुन आप अपनी कुर्सी छोड़कर खड़े हो जाएंगे. यह खबर उन लोगों के लिए है जो दिन भर में अपना अधिकतर समय बैठे हुए बिताते हैं. हाल ही में एक इंटरनेशनल रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है जो बताती है कि कैसे ज्यादा देर तक बैठना हमारे जीवन के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है.

दुनिया के 21 देशों से 1,05,677 लोगों पर 11 साल (January 1, 2003 to August 31, 2021) तक चली एक लंबी स्टडी के बाद यह पता चला है की ऐसे लोग जो दिन भर अपना अधिकतर वक्त बैठे-बैठे बिताते हैं उनकी मृत्यु दर और उन्हें दिल की बीमारियों में सामान्य लोगों के मुकाबले ज्यादा खतरा रहता है. रिसर्च में शामिल लोगों पर स्टडी कर पता चला कि ऐसे लोग जो प्रति दिन 8 या इससे अधिक घंटे बैठते थे उनकी जान को खतरा ज्यादा है. साथ ही दिल की अनेक बीमारियां (कार्डियो वैस्कुलर डिसीज) जैसे Myocardial infarction, Stroke, या Heart Failure का खतरा 17% से 50% तक ज्यादा महसूस किया गया.

केस स्टडी में सामने आए नतीजे

मुंबई के कोलाबा में रहने वाले 21 वर्ष के सार्थक पंडित एक युवा छात्र हैं जो फिलहाल सिविल सेवा की परीक्षा को लेकर तैयारी कर रहे हैं. सार्थक बताते हैं कि पढ़ाई करने के लिए वह रोजाना पूरे दिन 12 से 13 घंटे लगातार बैठे रहते हैं और जब पढ़ाई खत्म हो जाती है तो दोबारा अपने भाई और दोस्तों के साथ मोबाइल लेकर घंटों बैठ जाते हैं. रोजाना ऐसा करने से उन्हें काफी समय से पीठ दर्द, थकान, सिर दर्द महसूस होता है. डॉक्टर से मिलने पर डॉक्टर ने सार्थक को सावधान किया और उन्हें लगातार बैठने से बचने की सलाह दी है.

इस रिसर्च स्टडी के सामने आने के बाद हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की, डॉक्टर गौतम भांसल जो कि मुंबई के नामी अस्पताल में फिजिशियन हैं ने इस रिसर्च स्टडी को सही बताते हुए कहा कि ज्यादा समय बैठे रहने से हमारे शरीर के कई अंगों पर बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है जो कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है.

डॉक्टर ने दी ये सलाह

डॉक्टर गौतम बताते हैं कि ज्यादा देर बैठने से होनी वाली बीमारियों को हम सेडिंटरी प्रोब्लम में गिनते हैं, कॉरपोरेट जगत से जुड़े ढेर सारे लोग ऐसी बीमारियों से प्रभावित होते हैं. ध्यान नहीं देने पर वह सीधे अस्पताल पहुंचते हैं. डॉक्टर गौतम का कहना है कि हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से बैठने के लिए नहीं बना है, ऐसे में ज्यादा समय तक बैठने पर इसका ज्यादा बुरा प्रभाव होता है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे बैठने के बुरे प्रभाव भी बढ़ने लगते हैं.

डॉक्टर बताते हैं कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह तकलीफें ज्यादा होती हैं. परेशानी से बचने के लिए डॉक्टर ने सलाह दी कि बैठने के बदले खड़े हो कर मीटिंग करें, फोन पर खड़े होकर बात करें, यह सब ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है और दिल-दिमाग को स्वस्थ रखता है.

योग करना भी रहेगा कारगर

इस स्टडी को लेकर मॉडर्न साइंस का अपना पक्ष और इलाज है. बैठने से होने वाली तकलीफों के निदान के लिए हमने योग एक्सपर्ट से भी बात की और जानना चाहा कि क्या योग में भी ऐसी बीमारियों का इलाज मौजूद है? इस सवाल को लेकर हम योग इंस्ट्रक्टर अमीषा शाह के पास पहुंचे जिन्होंने हमें बताया कि योग में सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज है.

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योग गुरु अमीषा ने बताया की कई ऐसे योग आसन हैं जिन्हें हम बैठे-बैठे कर सकते हैं और यह शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों से निजात दिला सकता है. इन आसनों में गौमुख आसन, मंडुका आसन, पवनमुक्त आसन, अनुलोम विलोम, Diaphragmatic Breathing शामिल हैं. योग गुरु अमीषा बताती हैं कि उनके पास कई ऐसे लोग आते हैं जो बैठने से होने वाली तकलीफों की शिकायत करते हैं और उन्होंने योग के माध्यम से ऐसे कई लोगों का इलाज भी किया है.

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