बच्चों को अक्सर सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी छोटी-मोटी बीमारियां हो ही जाती हैं. इसके पीछे का कारण है उनकी कमजोर इम्यूनिटी. आयुर्वेद एक्सपर्ट से जाने उपाय.
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बच्चों को अक्सर सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार जैसी छोटी-मोटी बीमारियां हो ही जाती हैं, जिससे माता-पिता परेशान हो जाते हैं. बच्चों के बार-बार बीमारी होने का कारण कमजोर इम्यूनिटी होती है. मगर चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि प्रकृति ने बच्चों की रक्षा के लिए कई उपाय छुपाए हैं.
हर माता-पिता अपने बच्चों की सेहत और मजबूत देखना चाहते हैं. उनकी इम्यूनिटी मजबूत करना इसमें सबसे अहम भूमिका निभाता है. आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. डिंपल जांगड़ा ने इंस्टग्राम में एक पोस्ट शेयर करते हुए ऐसे 3 फूड्स के बारे में बताया जो बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं.
1. शहद
प्रकृति की देन शहद में एंटी-एलर्जिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं. यह बच्चों के नाक, गले और सीने में जमे हुए बलगम को पतला करने में मदद करता है, जो अक्सर सर्दी, खांसी, साइनस, एलर्जी, अस्थमा, फीवर, फेफड़ों में जमाव और ब्रोंकियल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं. स्थानीय रूप से प्राप्त शहद पराग कणों के खिलाफ उनकी इम्यूनिटीबढ़ाने में भी मदद करता है, क्योंकि यह शरीर में पहले से ही अच्छे बैक्टीरिया के रूप में काम करता है. माता-पिता को सुनिश्चित करना चाहिए कि1 से 2 साल की उम्र के बच्चों को हर दिन कम से कम आधा चम्मच और 2 से 14 साल से अधिक उम्र के बच्चों को 1 चम्मच शहद दें. बच्चों को बुखार या घमोरियां होने पर शहद न दें और 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म पानी/तरल पदार्थ/दूध में शहद न मिलाएं, क्योंकि इससे हाइड्रॉक्सिमिथाइलफुरफुरल डिहाइड (एचएमएफ) नामक कैमिकल निकलता है, जो जहरीला और कैंसरकारी होता है.
2. पुदीने की पत्तियां और सौंफ
आप 1 या 2 पुदीने की पत्तियों को एक चुटकी सौंफ के साथ उबाल सकते हैं (आप चाहें तो दालचीनी, अदरक पाउडर, हल्दी, लौंग और दालचीनी भी मिला सकते हैं) और बच्चों की इम्यूनिटी क्षमता कमजोर होने पर काढ़ा के रूप में दे सकते हैं. पुदीना ब्रोंकियल हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करता है, जबकि सौंफ अपने कड़वे स्वाद के कारण बच्चों का कृमिनाशक (deworming) करने में मदद करता है.
3. हेल्दी स्नैक्स
इससे पहले कि आपका बच्चा जंक फूड जैसे - मीठे व्यंजनों या चिप्स के पैकेट की तरफ हाथ बढ़ाए, जो कि आदत लगाने वाले होते हैं, उसे घर पर सूखे मेवों और खजूर से बनाया हुआ हेल्दी ग्रैनोला बार दें. भूख लगने से बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उन्हें जंक फूड देना भले ही आकर्षक अस्थायी समाधान लगे, लेकिन उनकी सेहत और अनुशासन पर इसका लंबे समय तक नुकसान पड़ता है.
बच्चों को खूब प्यार करें
डॉ. डिंपल ने के अनुसार, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने बच्चे को बिना शर्त खूब प्यार दें, क्योंकि वे इस उम्र में एक पौधे की तरह होते हैं जिन्हें आपसे कोमल देखभाल की आवश्यकता होती है. आपका दिन कितना भी मुश्किल रहा हो, इसे कभी भी अपने बच्चे पर न थोपें. अपने बच्चे को यह बताएं कि वह प्यारा है और यह बड़ा होने के लिए एक खूबसूरत दुनिया है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.