DNA: कश्मीर टू कन्याकुमारी.. झमाझम चल रहा एनकाउंटर का मौसम; क्या इंसाफ दिलाने का यही रह गया है एकमात्र तरीका?
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DNA: कश्मीर टू कन्याकुमारी.. झमाझम चल रहा एनकाउंटर का मौसम; क्या इंसाफ दिलाने का यही रह गया है एकमात्र तरीका?

DNA on Encounter in UP MP Maharashtra: ऐसा लग रहा है कि देश में इन दिनों एनकाउंटर का झमाझम सीजन चल रहा है. यूपी से लेकर एमपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु तक लगातार आरोपियों के धड़ाधड़ एनकाउंटर हो रहे हैं.

 

DNA: कश्मीर टू कन्याकुमारी.. झमाझम चल रहा एनकाउंटर का मौसम; क्या इंसाफ दिलाने का यही रह गया है एकमात्र तरीका?

Zee News DNA on Encounter in UP MP Maharashtra: यूपी के अमेठी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. पहले वीडियो में आपको एक आदमी खेत में भागता नजर आएगा. ये आदमी भागता है. थोड़ा सा रुकता है. हाथ जोड़ता है और फिर दोबारा दौड़ लगा देता है. दूसरे वीडियो में दो लोग तालाब के अंदर कूद जाते हैं. दरअसल ये सब बदमाश हैं. जिनका पुलिस पीछा कर रही थी. मामला यूपी का था तो बदमाशों के अंदर एनकाउंटर का डर था. इसी वजह से एक ने खेत में भागते हुए माफी मांग ली तो बाकी दो तालाब में कूद गए. 

क्या देश में चल रहा एनकाउंटर्स का सीजन?

जिस तरह लगातार एनकाउंटर हो रहे हैं. उसे देखकर लगता है मानों एनकाउंटर का सीज़न शुरु हो गया है. यूपी से आगे बढ़कर अब दूसरे राज्यों में एनकाउंटर्स का सिलसिला शुरु हो गया है. इसी के साथ ही उठ गया है एक बड़ा सवाल. क्या अब LAW AND ORDER को बनाए रखने के लिए...एनकाउंटर ही आखिरी रास्ता बन गया है. तमिलनाडु में भी बसपा प्रदेश अध्यक्ष के हत्यारे को एनकाउंटर में मार गिराया गया.

उत्तर प्रदेश में व्हील चेयर पुलिस के एक्शन की पहचान बन गई है. तो मध्य प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर की पहचान बन गया है स्ट्रेचर. स्ट्रेचर पर जो व्यक्ति लेटा है उसका नाम है अरुण चौहान. जिसपर एक ज्वेलर से लूट का इल्जाम है. यहां भी पुलिस का दावा यूपी जैसा ही है. पुलिस का कहना है कि बदमाशों से पुलिस का आमना सामना हुआ...बदमाशों ने पुलिस पर गोली चलाई और जवाबी फायरिंग में बदमाश के पांव पर गोली लगी. 

बिहार में भी उठने लगी योगी स्टाइल की मांग

थ्योरी या यूं कहें कि स्टोरी यूपी जैसी है. अपराध और अपराधियों से निपटने का तरीका भी यूपी जैसा. यानी एनकाउंटर. सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं...बल्कि इस कथित एनकाउंटर मॉडल की डिमांड बिहार में भी होने लगी है. इसकी मांग करने वाले व्यक्ति का नाम है हरिभूषण ठाकुर. बिहार के बिस्फी से बीजेपी विधायक हैं. उनका दावा है कि एनकाउंटर से ही बिहार में अपराध कंट्रोल किया जा सकता है.

एनकाउंटर के समर्थन पर बिहार के विपक्षी दल विरोध के मोड में आ गए हैं. कांग्रेस ने गांधीवादी सोच याद दिलाई तो आरजेडी ने बीजेपी को मणिपुर याद दिला दिया. 

इसी तरह महाराष्ट्र के बदलापुर केस में आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मौत पर...राजनीति में वार पलटवार जारी है. शिवसेना शिंदे गुट इसे न्याय करार दे रहा है. तो विपक्षी कह रहे हैं सीधे गोली मार देना कौनसा इंसाफ है. विपक्ष के बयान भले ही राजनीति से प्रेरित हों. लेकिन सवाल तो खड़ा होता है. अगर पुलिस ही ON THE SPOT फैसला कर देगी तो फिर अदालत की क्या जरूरत रह जाएगी.

अक्षय शिंदे को मारने वाले संजय शिंदे कौन?

बदलापुर केस में जिस पुलिस टीम के साथ मुठभेड़ में अक्षय शिंदे मारा गया. उस टीम में शामिल थे इंस्पेक्टर संजय शिंदे. मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर संजय शिंदे को ENCOUNTER SPECIALIST के तौर पर पहचाना जाता है. ANTI EXTORTION CELL में संजय शिंदे..प्रदीप शर्मा के साथ काम कर चुके हैं.

प्रदीप शर्मा को भी ENCOUNTER SPECIALIST कहा जाता है. इंस्पेक्टर संजय शिंदे का इतिहास विवादों से भरा रहा है. साल 1998 में संजय शिंदे ने अपने ही एक साथी को गोली मार दी थी. संजय शिंदे पर ये आरोप भी लगा था कि वो गैंगस्टर अबू सलेम के संपर्क में रहे थे. संजय शिंदे की गिरफ्त से हत्या का एक आरोपी भी फरार हो चुका है, जो बाद में पकड़ा गया था. फिर पता चला था कि आरोपी संजय शिंदे का रिश्तेदार था.

अब इसे इत्तेफाक ही कहिए...कि अक्षय शिंदे को ले जाने वाली पुलिस टीम में ENCOUNTER SPECIALIST संजय शिंदे शामिल थे और अक्षय शिंदे का भी एनकाउंटर हो गया.

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