Dhirendra Shastri Controversy: क्या प्रेत दरबार के नाम पर वाकई अंधविश्वास फैला रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री? एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दी ये सफाई
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Dhirendra Shastri Controversy: क्या प्रेत दरबार के नाम पर वाकई अंधविश्वास फैला रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री? एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दी ये सफाई

Dhirendra Shastri exclusive interview with Zee News: क्या मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री वाकई समाज में अंधविश्वास फैलाने में लगे हैं या फिर उनके पास सच में ऐसी कोई चमत्कारिक शक्ति है? इस बारे में धीरेंद्र शास्त्री ने ज़ी न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में खुलकर बात की. 

Dhirendra Shastri Controversy: क्या प्रेत दरबार के नाम पर वाकई अंधविश्वास फैला रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री? एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दी ये सफाई

Zee News Dhirendra Shastri exclusive interview with Deepak Chaurasia: मध्य प्रदेश में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री विवादों में हैं. उन पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगा है. नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने उनके खिलाफ नागपुर में पुलिस केस दर्ज करवाया है. समिति का कहना है कि अगर पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है तो वो कोर्ट का रुख करेगी. वहीं धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri Controversy) ने पलटवार करते हुए कहा है कि यह सब धर्म विरोधी लोगों का कारनामा है. इस प्रकरण में ज़ी न्यूज के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया ने धीरेंद्र शास्त्र का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किया, जिसमें पीठाधीश्वर ने तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी. पेश हैं इंटरव्यू के सवाल और जवाब:

सवाल: क्या आप अंधविश्वास फैलाते हैं?
जवाब: अगर हनुमान जी के नाम का प्रचार करना, सनातन की बात करना, हनुमान चालीसा आदि उपायों से जोड़ना. मातृ-पितृ पूजन के बारे में बताना अगर अंधविश्वास है तो देश के करोड़ों हनुमान भक्त अंधविश्वास फैला रहे हैं. 

सवाल: आपके प्रेत दरबार में कुछ मंत्र बोलते हैं, कोई जल छींटते हैं और लोग अजीब तरीके से रिएक्ट करते हैं. ये सब क्या है.
जवाब: शरीर में दो एनर्जी होती है, पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी. उससे पीड़ित लोग धाम पर जाते हैं. हमारे गुरुदेव ने हनुमान चालीसा का जो विधान हमें दिया है, हम उसका प्रयोग करते हैं. हम श्री हनुमान जी से प्रार्थना करते हैं, जिससे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा गायब हो जाती है. हम न तो कोई चमत्कारी हैं और न ही ईश्वर हैं. अपने इष्ट के प्रति हमारी दृढता है. यही दृढता लोगों के लिए कल्याणकारी बन जाती है, जिससे उन्हें फायदा होता है. 

सवाल: आपकी सकारात्मक-ऊर्जा को माना जा सकता है. लेकिन आपने इस दरबार का नाम प्रेत दरबार क्यों रखा. भूत प्रेत से पीड़ित लोग मेरे पास आए, मैं उन्हें ठीक कर दूंगा. ये तो अंधविश्वास हुआ ना. 
जवाब: कोई चीनी को शक्कर, खांड, शुगर कहता लेकिन शक्कर तो शक्कर है. उसी प्रकार नेगेटिव एनर्जी को कोई प्रेत समस्या कहता, कोई संकट बाधा कहता लेकिन है तो सब एक ही. ये संबोधन अलग हो सकते हैं लेकिन है तो वह नकारात्मक ऊर्जा ही.

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सवाल: हमने आपका एक वीडियो देखा, जिसमें आप प्रेत दरबार में आए एक व्यक्ति को बताते हैं कि आपको फलाने व्यक्ति ने यह भूत बाधा दी है. आप कैसे यह जान लेते हैं किसने भूत बाधा दी है.
जवाब: बागेश्वर धाम और हनुमान जी प्रेरणा से हम जो बोल देते हैं, वह सत्य निकलता है. इसके बारे में किसी को बताया नहीं जा सकता, बस इसे अनुभव करवाया जा सकता है. इसके लिए हम कोई दक्षिणा या फीस नहीं लेते. फिर यह अंधविश्वास कैसे कहा जा सकता है. 

सवाल: क्या वाकई भूत-प्रेत होते हैं महाराज जी?
जवाब: नकारात्मक ऊर्जा होती है. उसी को कोई भूत-प्रेत कहता है, कोई बुरी शक्ति कहता है तो कोई नकारात्मक ऊर्जा कहता है. इस शब्द को गलत नहीं माना जा सकता.

सवाल: आप एक वीडियो में पत्थर चलाने वालों पर बुल्डोजर चढ़ाने की बात कहते हैं. क्या यह सहिष्णु हिंदू समाज को भड़काना नहीं हुआ.
जवाब: आत्मरक्षा की बात करना भड़काना कैसे हुआ. अगर कोई आपकी बहन-बेटी को हाथ लगाए और आप चुप बैठे देखते रहो. कानून जब तक आए, तब तक इज्जत लुट जाए. ये कैसे हो सकता है. अगर ये भड़काना हुआ तो होते रहना चाहिए. 

सवाल: अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने आपको चुनौती दी है और शिकायत दर्ज करवाई है. उनका कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री कोई दैवीय शक्ति नहीं है और वे लोगों को लूट रहे हैं.
जवाब: हम किसी प्रकार की दक्षिणा नहीं लेते. हम किसी सिद्धि या चमत्कार का दावा नहीं करते. हम केवल अपने इष्ट का ध्यान करते हैं. हम पर आरोप लगाने वालों ने हमें कोई लीगल चुनौती नहीं दी. अगर उन्हें हम पर अविश्वास है तो उन्हें दरबार में आकर इसे अनुभव करना चाहिए था. जब दरबार खत्म हो गए तो अब आरोप लगा रहे हैं. 

सवाल: आपके पास तो दैवीय शक्ति कही जाती है. आप श्याम मानव के मन की नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव एनर्जी में बदल दीजिए. 
जवाब: भगवान हनुमान ने लंका में जाकर रावण को सीता हरण के दुष्परिणामों पर चेताया था लेकिन अहंकारी रावण नहीं माना था. ऐसे लोगों को बजरंग बली जब नहीं समझा पाए तो हम क्या हैसियत रखते हैं. 

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