Yogi Adityanath: केशव प्रसाद मौर्य के तेवरों के बीच विधायकों से मिले CM योगी, 50-50 फॉर्मूले को समझाया
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Yogi Adityanath: केशव प्रसाद मौर्य के तेवरों के बीच विधायकों से मिले CM योगी, 50-50 फॉर्मूले को समझाया

Keshav Prasad Maurya and Yogi Adityanath: सियासी जानकारों के मुताबिक सीएम योगी इनके माध्‍यम से उन आरोपों को खारिज करने का प्रयास कर रहे हैं कि नेताओं और कार्यकर्ताओं की बात सुनी नहीं जाती. 

Yogi Adityanath: केशव प्रसाद मौर्य के तेवरों के बीच विधायकों से मिले CM योगी, 50-50 फॉर्मूले को समझाया

UP Politics: यूपी में बीजेपी संगठन के भीतर लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सीएम योगी की कार्यशैली को लेकर आवाजें उठ रही हैं कि नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुनी नहीं जाती है. डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी परोक्ष रूप से सीएम पर निशाना साधते हुए पिछले दिनों सरकार से बड़ा संगठन की बात कही थी. उसके बाद से वो लगातार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा सहयोगी दलों के नेताओं के साथ मुलाकातें कर रहे हैं. अब सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने भी विधायकों और जन-प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का दौर शुरू किया है. 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों को देखते हुए सीएम योगी ने विधायकों के साथ मुलाकात में कई बातें कहीं हैं. उन्‍होंने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि की जीत में 50 प्रतिशत पार्टी की तो 50 प्रतिशत भूमिका प्रत्याशी की होती है. इसलिए जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनें. 

विधायकों द्वारा अधिकारियों के नहीं सुनने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है तो उसके खिलाफ पक्के सबूत के साथ शिकायत करें. उस अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने विधायकों को क्षेत्र की जनता से बराबर संवाद बनाए रखने और उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने की भी सलाह दी है. एक विधायक द्वारा हेलमेट की जांच पर पुलिस द्वारा परेशान करने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट सुरक्षा के लिए जरूरी है. कानून का पालन हर हाल में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सपा इसलिए 10 साल से सत्ता से बाहर है क्योंकि उसकी सरकार में कानून का पालन नहीं होता था.

सियासी जानकारों के मुताबिक सीएम योगी इनके माध्‍यम से उन आरोपों को खारिज करने का प्रयास कर रहे हैं कि नेताओं और कार्यकर्ताओं की बात सुनी नहीं जाती. 

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बढ़ती तनातनी
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद यूपी के भीतर बीजेपी के भीतर खींचतान बढ़ती ही जा रही है. पार्टी के भीतर ही एक 'विपक्ष' बनता नजर आ रहा है. मंत्रियों के बीच भी गुटबाजी भी देखने को मिल रही है. सोमवार को सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ आजमगढ़ में समीक्षा बैठक की थी. उसमें सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वो वहां नहीं पहुंचे. लेकिन उसी दिन शाम को डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंच गए. इसके बाद मंगलवार को केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ स्थित अपने कैंप कार्यालय में निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद से मुलाकात की. डॉ संजय निषाद भी राजभर की तरह ओबीसी नेता हैं और चुनाव में बीजेपी की हार के लिए बुलडोजरों पॉलिटिक्‍स को जिम्‍मेदार ठहरा चुके हैं. यूपी में एनडीए के खराब प्रदर्शन पर निषाद ने कहा था कि बुलडोजरों का बेजा इस्‍तेमाल हार के प्रमुख कारणों में से एक रहा है.

बीजेपी के अंदरखाने और सहयोगी दलों की तरफ से उठ रहे सवालों के बीच हैरानी की बात ये है कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कोई टिप्‍पणी कहीं नहीं की है और वो चुपचाप सरकार के कामकाज में जुटे हैं. जानकार इससे भी ज्‍यादा इस बात को लेकर आश्‍चर्य जता रहे हैं कि बीजेपी के अंदरखाने से बढ़ते विरोध के बावजूद संगठन की तरफ से कहीं सख्‍ती दिखाने वाली बात नजर नहीं आ रही है. इन सबको देखते हुए विश्‍लेषकों का कहना है कि बहुत संभव है कि बीजेपी 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों तक संभवतया चुप्‍पी साधे रहेगी और पार्टी के भीतर और सहयोगियों की तरफ से उठते सवालों के जवाब उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे.

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