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Mohammed Zubair Arrest: दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर की 5 दिन की और रिमांड मांगी है. ऑल्टन्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने जानबूझकर अपने फोन को फॉरमेट किया था और एक आपत्तिजनक ट्वीट के संबंध में उसके खिलाफ जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग करने से भी इनकार कर दिया था. पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ अलग-अलग मामलों में कई अन्य एफआईआर भी दर्ज हैं. इस बीच मोहम्मद जुबैर केस से जुड़े सवालों का जवाब जानने के लिए ZEE NEWS के संवादाता प्रमोद शर्मा ने स्पेशल सेल की IFSO यूनिट के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा से खास बातचीत की है. ट्विट्टर पर अपने ट्वीट से दो समुदायों की भावनाओं को आहत करने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार किया है. क्या था पूरा मामला? मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी सही या गलत? आइये आपको बताते हैं इस मामले से जुड़े सभी अनसुलझे सवालों के बारे में.
सवाल- मोहम्मद जुबैर का ट्वीट 2018 का है, उसने एक फिल्म का स्क्रीन शॉट शेयर किया है, फिर उसे क्यों गिरफ्तार किया गया?
जवाब- आप जो भी ट्विटर पर शेयर करते हैं, आप अपना व्यू न बता के किसी और का व्यू शेयर करते हैं, उस पर आप को इम्युनिटी नहीं है, इसे लेकर कोर्ट के कई आदेश हैं. ट्विटर स्पेस पर कोई पुराना या नया का कांसेप्ट नहीं होता. इसी आधार पर जुबैर के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
सवाल- ये भी आरोप है कि मोहम्मद जुबैर को एक पुराने केस में बुलाया गया और बिना नोटिस दिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया?
जवाब- इस पॉइंट पर कल ज्यूडिशियल स्क्रूटिनी भी हुई है. जुबैर ने इस पॉइंट को कल कोर्ट में भी उठाया था. हमारे पास सबूत हैं कि जुबैर को नोटिस जारी करने के बादी ही गिरफ्तार किया गया. नोटिस देने के बाद ही हमने जुबैर को जांच में शामिल किया. जुबैर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा था, जिसके बाद उसे अरेस्ट किया गया. यही कारण है कि उसकी एक दिन की पुलिस कस्टडी मिली और उसे जमानत नहीं दी गई.
सवाल- इस मामले में आपको क्या पुख्ता सबूत मिले हैं?
जवाब- सूबत कोर्ट के सामने रखेंगे, हमारी टीम कस्टडी लेने के लिए गई है. कोर्ट में सबूत रखने के बाद आपसे शेयर करेंगे.
सवाल- जुबैर आपकी एक दिन की कस्टडी में था. उसने क्या बताया कि वो इस तरह के ट्वीट क्यों करता था? अभी तक कि उसकी फाइनेंशल ट्रांजेक्शन के बारे में क्या पता चला है?
जवाब- जुबैर के ट्वीट करने को लेकर कई जानकारियां मिली हैं. बैंक डिटेल और पैसों के लेन-देन की कई अहम जानकारियां भी हमें मिली हैं. इन सब चीजों को लेकर जांच की जा रही है.
सवाल- क्या इस ट्वीट के अलावा कुछ और ऐसे ट्वीट हैं जो जांच के दायरे में हैं?
जवाब- अभी जिस-जिस केस में जो-जो फैक्ट हैं, उसकी जांच चल रही है. कल की पूछताछ में कुछ और नए फैक्ट्स सामने आए हैं.
सवाल- एक और बड़ा सवाल है कि इन्हीं धाराओं में नूपुर शर्मा के खिलाफ केस दर्ज हुआ लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया, एकतरफा कार्रवाई क्यों?
जवाब- दिल्ली पुलिस ने 22 केस दर्ज किए हैं. मल्टिपल सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं उनकी डिटेल्स आ रही हैं. अभी हम हर केस के हिसाब से कार्रवाई कर रहे हैं. तो ये कहना ठीक नहीं है. मोहम्मद जुबैर के खिलाफ 2020 में भी केस दर्ज हुआ था. उसमें इसका ट्वीट गलत नहीं था, तो हमने इस बारे में कोर्ट को भी बताया.अब हमारी ही यूनिट ने उसको दूसरे केस में अरेस्ट किया है. उसके ट्वीट गलत हैं इसलिए अरेस्ट किया है. जुबैर की गिरफ्तारी फैक्ट के आधार पर की गई है.
सवाल- ट्विटर पर लोग कुछ भी लिख देते हैं, जिसकी वजह से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं. क्या आपकी यूनिट ऐसो लोगों पर भी नजर रख रही है?
जवाब- दिल्ली पुलिस की सोशल मीडिया सेल लगातार इस तरह के ट्वीट या पोस्ट पर नजर रखती है. जिसकी वजह से साम्प्रदायिक माहौल खराब हो सकता है. ऐसे मामलों में अगर शिकायत मिलती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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