UKSSSC Jobs : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आठ बड़ी भर्तियों पर‍ खुशखबरी, वाहन चालक से लेकर सिपाही तक के लिए खुलेंगे रोजगार के दरवाजे
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UKSSSC Jobs : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आठ बड़ी भर्तियों पर‍ खुशखबरी, वाहन चालक से लेकर सिपाही तक के लिए खुलेंगे रोजगार के दरवाजे

UKSSSC अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि जल्‍द आ सकती है विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट. इसी के आधार पर अधीनस्‍थ सेवा चयन आयोग लेगा निर्णय.  

UKSSSC Jobs : अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की आठ बड़ी भर्तियों पर‍ खुशखबरी, वाहन चालक से लेकर सिपाही तक के लिए खुलेंगे रोजगार के दरवाजे

कुलदीप नेगी/देहरादून : उत्‍तराखंड अधीनस्‍थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ओर से नए साल पर खुशखबरी मिल सकती है. UKSSSC की 8 भर्तियों को लेकर इसी हफ्ते फैसला लिया जा सकता है. इसके बाद आयोग वाहन चालक समेत सिपाही की भर्तियों के लिए अपनी मुहर लगा सकता है. UKSSSC अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया का कहना है कि इस संबंध में गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट बहुत जल्द आ जाएगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अपना निर्णय भी लेगा.

सभी पहलुओं का अध्‍ययन कर रहा UKSSSC
दरअसल, आयोग की ओर से कराई गई इन 8 भर्तियों को लेकर अभी निर्णय होना बाकी है. भर्ती परीक्षाओं में पास हुए अभ्यर्थी चाहते हैं कि रिजल्ट घोषित हो. इन 8 भर्तियों में एलटी भर्ती (1431 पद), उत्तराखंड व्यैक्तिक सहायक ( 600 पद ), कनिष्ठ सहायक (700 पद), पुलिस रैंकर्स भर्ती (250 पद), वाहन चालक भर्ती (164 पद), कर्मशाला अनुदेशक (157 पद), मत्स्य निरीक्षक भर्ती (126 पद), मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार भर्ती (272 पद) निर्णय होना है. UKSSSC इसी साल इन भर्तियों पर निर्णय लेने की तैयारी में है, लेकिन उससे पहले ही सभी पहलुओं का अध्ययन करने में UKSSSC जुटा हुआ है. 

यह है मामला 
UKSSSC की ओर से 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा का आयोजन किया गया. 13 जिलों के 236 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा कराई गई. इसमें 87,196 परीक्षार्थियों ने भाग लिया. 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया. परीक्षा परिणाम घोषित होते ही धांधली का खुलासा हुआ. उत्तराखंड सरकार ने इस मामले में 2017 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की. जांच समिति ने परीक्षा में गड़बड़ी पाई और रिजल्ट को निरस्त कर दिया गया.

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एसआईटी ने कीं कई गिरफ्तारियां 
वर्ष 2019 में मामले की जांच का जिम्मा देहरादून विजिलेंस को दिया गया. वर्ष 2020 में जांच रिपोर्ट के आधार पर विजिलेंस ने देहरादून में केस दर्ज किया. 2 वर्षों से इस मामले की जांच चल रही थी. एसआईटी ने इस मामले में पिछले दिनों लगातार गिरफ्तारियां की हैं. 

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