Pitru paksha 2022: पितरों की मोक्षप्राप्ति का महातीर्थ है यह स्थल, पिंडदान करने से मिलता है 8 गुना अधिक पुण्य
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Pitru paksha 2022: पितरों की मोक्षप्राप्ति का महातीर्थ है यह स्थल, पिंडदान करने से मिलता है 8 गुना अधिक पुण्य

Shradh paksha 2022:  श्राद्ध पक्ष 10 सितंबर 2022 शनिवार से शुरू हो रहा है और 25 सितंबर तक रहेगा. ब्रह्मकपाल में पितृ तर्पण का विशेष महत्व है. मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से अन्य तीर्थों के मुकाबले आठ गुना अधिक पुण्य मिलता है.

Pitru paksha 2022: पितरों की मोक्षप्राप्ति का महातीर्थ है यह स्थल, पिंडदान करने से मिलता है 8 गुना अधिक पुण्य

पुष्कर चौधरी/चमोली: हिंदू धर्म में खास महत्व रखने वाले श्राद्ध पक्ष आज से शुरू हो गए. पिंडदान और तर्पण के लिए सुबह से ही भारी भीड़ है. बदरीनाथ धाम में स्थित ब्रह्मकपाल में पितृ तर्पण का विशेष महत्व है. मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से अन्य तीर्थों के मुकाबले आठ गुना अधिक पुण्य मिलता है. यहां पर भगवान शिव को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी. 

भगवान शिव ने क्रोधित होकर भगवान ब्रह्ना का पांचवा सिर काट डाला, जो भगवान शंकर के त्रिशूल पर चिपक गया. इस ब्रह्म हत्या के पाप के मुक्ति के लिए भगवान शिव तीनों लोक घूमे अंत में बदरीनाथ धाम के ब्रह्मकपाल में ज्यों ही पहुंचे त्यों ही यह सिर त्रिशूल से छूट गया. जिसके बाद यह तीर्थ ब्रह्मकपाल कहलाया. पितरों को मोक्ष के चलते बदरीनाथ धाम को मोक्ष धाम भी कहते है. यहां पर पिंडदान करने के पश्चात पितरों को मोक्ष मिलने के काऱण अन्य जगह पिंडदान और तर्पण करने की आवश्यकता नहीं होती.

बदरीनाथ मंदिर से करीब 200 मीटर की दूरी पर अलकनंदा नदी के किनारे ब्रह्मकपाल तीर्थ स्थित है. इसे कपाल मोचन तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर पितृ तर्पण या पिंडदान करने का विशेष महत्व है. ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित बृजेश सती और मदन कोठियाल कहते हैं कि गया और काशी में भी पिंडदान किया जाता है लेकिन ब्रह्मकपाल में पिंडदान का विशेष महत्व है. 

श्राद्ध पक्ष में गाय, कौआ और कुत्ते को भोजन दिया जाता है. इसके साथ ही श्राद्ध में चावल की खीर बनाई जाती है. चावल को देवताओं का अन्न माना जाता है. इसलिए चावल की खीर बनाई जाती है. देवताओं और पितरों को चावल प्रिय है. इसलिए यह पहला भोग होता है. साथ ही चावल, जौ और काले तिल से पिंडदान बनाकर पितरों को अर्पित किए जाते हैं. 

25 सितंबर तक रहेगा पितृपक्ष 
ज्योतिषानुसार पूर्णिमा से शुरू होकर अमावस्या तक चलने वाले पितृ पक्ष में पितरों के श्राद्ध कर्म से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022, शनिवार से शुरू हो रहा है और 25 सितंबर 2022 तक रहेगा. 

 

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