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रामअनुज/देहरादून: खटीमा के विधायक भुवन कापड़ी ने सदन में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाया है. उनका कहना है कि जो भी भर्ती हो रही हैं, ज्यादातर भर्तियों पर सवालिया निशान लग रहे हैं. ऐसे में यूपीसीएल की भर्ती को रद्द करना पड़ा है. सरकार को सीबीआई से उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए हुई भर्ती की सीबीआई से जांच करानी चाहिए.
वहीं, हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत ने वृद्धा पेंशन योजना को लेकर सवाल उठाए प्रमाणिकता के साथ कहा कि 2021 दिसंबर में सरकार ने पति और पत्नी को (अगर उनके बच्चे पुत्र या पौत्र) 20 वर्ष से ऊपर की आयु में होंगे. पेंशन के दायरे से उनको अलग कर दिया जाएगा. एक तरफ अपनी पीठ अपने हाथों से थपथपा रहे थे कि हमने दोनों को पेंशन के दायरे में रख दिया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार थी तो दोनों पति और पत्नी दोनों को लाभ मिलता था, लेकिन जब 2017 में बीजेपी की सरकार बनी उसके बाद 2021 में यह प्रावधान लागू किया गया कि पति और पत्नी जिनको पेंशन मिल रही है. उनके पुत्र या पौत्र अगर 20 साल के ऊपर के आयु के हैं तो उन्हें इस दायरे से अलग रखा जाएगा. इसको लेकर अनुपमा रावत ने सदन में आज सवाल पूछा और कहा कि ऐसा कौन होगा जिन्हें जिनके पुत्र या पौत्र 20 साल से ऊपर ना हो रावत ने कहा सवाल का हमें जवाब नहीं मिला और संबंधित मंत्री इससे साफ करते नजर आए.
विधानसभा का बजट सत्र 2 दिन से चल रहा है. विपक्ष लगातार पेंशन योजना को लेकर सवाल उठाया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के विधायक अनुपमा रावत ने सरकार से मांग की है कि पूर्व से चली आ रही योजना को फिर से संचालित किया जाए. इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. उनका कहना है कि वृद्धा पेंशन प्राप्त करने वाले पात्र लोगों के बच्चे 20 साल से कम नहीं होंगे ऐसे में उनको इस शर्त के साथ योजना से बाहर न किया जाए. उनका कहना है कि सरकार को इस योजना पर विचार मंथन करना चाहिए.
धारचूला के कांग्रेस पार्टी के विधायक हरीश धामी ने सवाल उठाया है कि सीमांत इलाकों में सेना स्थानीय लोगों को आने जाने के लिए छोटे पुल भी बनाने नहीं दे रही है. जिससे उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार को स्थानीय लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखकर समस्याओं का निदान करना चाहिए.
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