3 किमी परिधि से दूर नहीं होंगे परिषदीय स्कूल, स्कूल चलो अभियान के तहत एक करोड़ 90 लाख विद्यार्थियों का नामांकन
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3 किमी परिधि से दूर नहीं होंगे परिषदीय स्कूल, स्कूल चलो अभियान के तहत एक करोड़ 90 लाख विद्यार्थियों का नामांकन

शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किया है. परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं. 

फाइल फोटो.

लखनऊ: परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. सरकार ने एक से तीन किमी की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है, ताकि  कोई भी पात्र बच्चा प्राथमिक शिक्षा से वंचित न रह जाए. इन विद्यालयों में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए चलाये जा रहे कायाकल्प अभियान के तहत एक लाख तीस हजार से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है. इसी का परिणाम है इन परिषदीय स्कूलों में नामांकन कराने वाले बच्चों की संख्या एक करोड़ 90 लाख तक पहुंच गयी है. 

 बच्चों को मुहैया करायी जा रहीं विशेष सुविधाएं 
शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार कर रही योगी सरकार ने प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किया है. परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं. इसका लाभ हर बच्चे को मिले इसके लिए योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म, स्वेटर, स्कूल, बैग व जूता मोजा खरीदने की धनराशि सरकार अब बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों के खाते में सीधे भेज रही है. इससे अब तक एक करोड़ 57 लाख बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. 

परिषदीय विद्यालय कान्वेंट स्कूलों को दे रहे टक्कर 
पिछले पांच साल में परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प पर सरकार का खासा जोर रहा है. इसके लिए चलाये गये कायाकल्प अभियान के तहत 1.30 लाख विद्यालयों में 19 मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. कुछ औद्योगिक घरानों ने अपने कुछ विद्यालयों को गोद लेकर इनके कायाकल्प का बीड़ा उठाया. इसी का नतीजा है, कई परिषदीय विद्यालय कान्वेंट स्कूलों को टक्कर देने की स्थिति में आ चुके हैं.

यूपी बोर्ड की परीक्षा की शुचिता को उठाये कदम
कभी नकल के लिए बदनाम रही यूपी बोर्ड परीक्षा की शुचिता को बनाये रखने के लि सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था की है. इसके लिए केंद्रों का आनलाइन निर्धारण, आनलाइन पंजीकरण, आनलाइन मान्यता व आनलाइन डुप्लीकेट अंकपत्र की व्यवस्था की गई. नकलविहीन परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड के हर केन्द्र पर सीसीटीवी की निगरानी में करायी गई. नकल माफिया पर पूरी तरह नकेल कसे गये. इसी का नतीजा है परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता कायम हुई. नकल माफिया खत्म हो गये.

15 विश्वविद्यालयों में दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ की स्थापना
उच्च शिक्षा क्षेत्र में सरकार ने खासा जोर दिया है. प्रदेश में तीन राज्य विश्वविद्यालयों का निर्माण तेजी से हो रहा है. इनमें सहारनपुर में मां शाकम्भरी विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में  महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय और अलीगढ़ में बन रहा राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय शामिल है. इसके अतिरिक्त 75 नये राजकीय महाविद्यालय भी निर्माणाधीन हैं. सरकार ने महापुरुषों और ऐतिहासिक घटनाओं पर शोध के लिए शोध पीठों की स्थापना की गई है. इसके तहत 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ, लखनऊ विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस, अटल सुशासन पीठ व महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय रोजगार पीठ की स्थापना की गई है. जबकि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चौरीचौरा अध्ययन केन्द्र की स्थापना की गई है.

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