आलू यानि की हर मौसम में खाई जाने वाली सब्जी. आलू को खास प्रकार की सब्जियों में गिना जाता है. आलू के ऐसी सब्जी है जो की सब्जी के साथ मिला का बनाई जा सकती है. फास्ट फूड में भी आलू सबसे पहले आता है. विभिन्न प्रकार की डिश आलू से बनाई जाती है.
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10 Best Varities of potatoes: आलू यानि की हर मौसम में खाई जाने वाली सब्जी. आलू को खास प्रकार की सब्जियों में गिना जाता है. आलू के ऐसी सब्जी है जो की सब्जी के साथ मिला का बनाई जा सकती है. फास्ट फूड में भी आलू सबसे पहले आता है. विभिन्न प्रकार की डिश आलू से बनाई जाती है. तो वही आलू की खेती मुख्य से भारत के उत्तर प्रदेश सहित गुजरात, हरियाणा और असम में की जाती है. दुनिया में आलू की खेती करने में भारत तीसरे पायदान पर आता है.
आज हम आपको बताते है आलू की उन 10 किस्मों को जो आपको स्वाद के साथ-साथ अधिक मुनाफा भी देंगे...
1- कुफ़री थार-3
उत्तर प्रदेश के साथ साथ हरियाणा और छत्तीसगढ़ में कुफ़री कुफ़री थार-3 (Kufri Thar – 3) की पैदावार की जाती है . इस आलू की किस्म में 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. कुफ़री थार-3 की खेती पहाड़ी और गंगा तट के किनारे मैदानी इलाकों में की जाती है.
2- कुफ़री नीलकंठ
एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर कुफ़री नीलकंठ आलू की खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित छतीसगढ़ में की जाती है. नीलकंठ आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. इस आलू में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है.
3- कुफ़री पुखराज
सबसे लोकप्रिय माना जाने वाला कुफ़री पुकराज आलू सबसे ज्यादा गुजरात में पैदा होता है. 90 से 100 दिन में तैयार होने वाली इस से किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. आपको बता दें कि इस किस्म से किसान 140-160 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
4-कुफ़री संगम
उत्तर प्रदेश , राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित पंजाब में पैदा की जाने वाली आलू की इस फसल का नाम कुफ़री संगम है. इस आलू को पौष्टिक और स्वादिष्ट के नाम से भी जाना जाता है. इस आलू की फसल लगभग 100 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है.
5-कुफरी ललित
300 – 350 क्विंटल पैदावार होने वाले इस आलू को कुफरी ललित के नाम से जाना जाता है. अन्य किस्मों के मुकाबले कुफरी ललित आलू में किसानों को ज्यादा लाभ होता है.
6- कुफ़री लिमा
आलू की इस किस्म से 300 – 350 क्विंटल पैदावार होती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मौसम के ज्यादा या कम होने से प्रभावित नही होती.
7-कुफरी चिप्सोना-4
चिप्सोना नाम से बाजारों और मंडियों में मशहूर कुफ़री चिप्सोना अपने नाम से जाना जाता है. आलू खाने वालों की पहली पसंद चिप्सोना ही होती है. मंडियों और बाजारों में चिप्सोना की मांग सबसे ज्यादा होती है. आलू की इस किस्म से किसान 300 से 350 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. यह नस्ल उत्तर प्रदेश के साथ साथ पश्चिम बंगाल और बिहार में की जाती है.
8-कुफ़री गरिम
आलू की इस किस्म से किसान भाई 300 – 350 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की खेती भारत के उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में की जाती है. इस किस्म की सबस बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म का लम्बे समय तक भंडारण कर सकते हैं.
9- कुफरी मोहन
आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. स किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस किस्म पर पाले का प्रभाव नही पड़ता है.
10- कुफरी गंगा
आलू की इस किस्म से 350 – 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती है. आलू की यह किस्म 80– 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है. वहीं आलू की यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले अच्छा पैदावार देती है.
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