Pashu Aadhaar: अब आपकी भैंस का भी बनेगा आधार कार्ड, पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में कही ये बात
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Pashu Aadhaar: अब आपकी भैंस का भी बनेगा आधार कार्ड, पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में कही ये बात

Pashu Aadhaar: अब सरकार की तैयारी जानवरों का भी आधार कार्ड बनवाने की है. जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको लेकर चर्चा की. जानिए क्या है पूरा प्लान...

सांकेतिक फोटो.

गौतमबुद्ध नगर: आज के समय में आधार कार्ड की उपयोगिता से हम सभी परिचित हैं. इसकी वजह से पहचान के साथ-साथ बहुत से काम आसान हो गए हैं. वहीं, अब सरकार की तैयारी जानवरों का भी आधार कार्ड बनवाने की है. जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय डेयरी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको चर्चा की. 

उन्होंने कहा कि भारत में डेयरी सेक्टर का बड़ा स्केल है. जिसे और बड़ा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है.  डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि जानवरों की जो बायोमीट्रिक पहचान की जा रही है उसको पशु आधार नाम दिया गया है. जिसके जरिए पशुओं की डिजिटल पहचान की जा रही है. इससे जानवरों की सेहत पर नजर रखने के साथ-साथ डेयरी प्रॉडक्ट्स से जुड़े मार्केट को विस्तार देने में मदद मिलेगी. 

पीएम मोदी ने इस दौरान भैंस से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया. उन्होंने गुजरात के कच्छ में रहने वाली भैंस (बन्नी)  के किस्सा सुनाते हुए बताया कि रेगिस्तान की विषम परिस्थितियों में भी यह भैंस ऐसे घुलमिल गई जिसे देखकर आश्चर्य होता है. दिन में तेज तपती धूप की वजह से भैंस रात को कम तापमान में 15 से 17 किलोमीटर दूर घास चरने के लिए निकलती है. साथ है हैरान करने वाली बात यह है कि बन्नी भैंस के साथ कोई भी किसान या दूसरा नहीं होता. यह अकेली चारागाह चली जाती है. और वापस घर लौट आती है. पीएम ने कहा कि ऐसा कम होता कि किसी की बन्नी भैंस खो गई हो या गलत घर में चली गई हो. 

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सिर्फ बन्नी भैंस ही नहीं भारत में मुर्रा, जाफराबादी, नीली रवि, पंडरपुरी जैसी अनेक नश्लें अपने-अपने तरीके से विकसित हो रही हैं. इसी तरह गाय में गीर गाय, सैवाल, राठी, कांकरेट, धारपारकर, हरियाणा ऐसी कितनी ही गाय की नश्लें है जो भारत की डेयरी सेक्टर को यूनिक बनाती हैं. भारतीय नश्ल के ज्यादातर पशु मौसम के अनुकूल होते हैं. 

पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
पीएम मोदी ने सुबह वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का किया. समिट के पहले दिन का कार्यक्रम समाप्त हो गया.  शाम 6 बजे से 8:10 तक कार्यक्रम चला. शाम के सत्र में केंद्रीय गृह एंव सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी भी मौजूद रहे. वर्ल्ड डेरी सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता एंव गृहमंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया, उन्होंने कहाकि प्राकृतिक खेती को सर्टिफ़ाइड करने, उसकी मार्केटिंग करने, विदेश में एक्सपोर्ट करने के लिए देश में तीन मल्टी लेवल सोसाइटी बनेंगी. वहीं सीएम योगी ने बुंदेलखंड के डेयरी उद्योग जैसे उत्तर प्रदेश में 5 और क्लस्टर बनाने का ऐलान किया. 

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