UP MLA Salary: दिल्‍ली में दोगुना हुआ विधायकों का वेतन, जानें यूपी-एमपी जैसे राज्यों में एमएलए की कितनी तनख्वाह
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UP MLA Salary: दिल्‍ली में दोगुना हुआ विधायकों का वेतन, जानें यूपी-एमपी जैसे राज्यों में एमएलए की कितनी तनख्वाह

UP MLA Salary: नए वेतन वृद्धि के बाद दिल्‍ली के विधायकों को अब 90 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा. पहले उन्‍हें 54 हजार रुपये वेतन दिया जाता था. 11 वर्षों में पहली बार विधायकों के वेतन में वृद्धि की गई है.

UP MLA Salary: दिल्‍ली में दोगुना हुआ विधायकों का वेतन, जानें यूपी-एमपी जैसे राज्यों में एमएलए की कितनी तनख्वाह

UP MLA Salary: दिल्‍ली सरकार ने विधायकों का वेतन और भत्‍ता बढ़ा दिया है. नए वेतन वृद्धि के बाद दिल्‍ली के विधायकों को अब 90 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा. पहले उन्‍हें 54 हजार रुपये वेतन दिया जाता था. 11 वर्षों में पहली बार विधायकों के वेतन में वृद्धि की गई है. ऐसे में क्‍या आपको पता है कि उत्‍तर प्रदेश में विधायकों को कितना वेतन मिलता है. 

विधायकों को टैक्‍स में मिलती है छूट 
बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्‍यादा 405 विधानसभा सीटें हैं. यही वजह है कि यहां सबसे ज्‍यादा विधायक हैं. यूपी में विधानसभा सदस्‍यों को हर महीने 1 लाख 87 हजार रुपये वेतन मिलता है. साथ ही विधायकों को भत्ता भी मिलता है. जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के विधायकों और मंत्रियों को उनके मूल वेतन पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. विधायकों और मंत्रियों का वेतन टैक्स सीमा में नहीं आता. यूपी के विधायकों को मोबाइल खर्च के लिए भी छह हजार रुपये दिए जाते हैं. 

मध्‍य प्रदेश में इतना मिलता है वेतन 
वहीं, मध्‍य प्रदेश की बात करें तो यहां विधायकों को हर महीने 1 लाख 10 हजार रुपये वेतन दिया जाता है. जबकि मौजूदा समय में जिन नेताओं के पास कैबिनेट मंत्री का पद है. उन्हें हर महीने 1.70 लाख रुपये दिए जाते हैं. इसके अलावा इन्‍हें भत्‍ता भी दिया जाता है.  वहीं, तेलगाना में सबसे ज्‍यादा वेतन दिया जाता है. यहां विधायकों को हर महीने 2.50 लाख रुपये दिए जाते हैं. वहीं, सबसे कम वेतन त्रिपुरा में विधायकों को वेतन मिलता है. इसी तरह से देश के सभी राज्यों में विधायकों की सैलरी अलग-अलग है. 

कितना होता है कार्यकाल 
बता दें कि विधायकों का कार्यकाल 5 वर्ष के लिए होता है. विधायक बनने के 5 साल बाद फिर से विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ना पड़ता है. लेकिन अगर देश में चुनाव होने से पहले किसी कारण से चुनाव की प्रक्रिया में देरी हो जाती है या आचार सहिंता लागू होती है तो विधायक और 6 महीने तक अपने पद पर रह सकता है.

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