UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है. उसने खुद को डीजीपी आफिस में तैनात इंस्पेक्टर बताया था. आइए बताते हैं पूरा मामला...
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आशीष द्विवेदी/हरदोई: यूपी के हरदोई में यूपी पुलिस के एक सिपाही पर एफ आई आर दर्ज की गई है। लखनऊ के 32वी वाहिनी पीएसी सरोजिनी नगर में तैनात एक आरक्षी और उसके दो अन्य अज्ञात साथियों पर एक युवक ने नौकरी का लालच देकर 5 लाख 40 हजार रुपये की ठगी करने और फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मुकदमा हरदोई की शहर कोतवाली में डीजीपी के निर्देश पर दर्ज कराया है. शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
डीजीपी के निर्देश पर एफआईआर दर्ज
दरअसल, हरदोई जिले की शहर कोतवाली में डीजीपी के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. दरअसल, जनपद बरेली के थाना फतेहगंज पूर्वी निवासी प्रदीप पांडे ने आरोप लगाया है कि तकरीबन 8 साल पहले ट्रेन में यात्रा के दौरान हरदोई शहर कोतवाली इलाके के मोहल्ला सुभाष नगर निवासी राजीव पांडे से उनका परिचय हुआ था. राजीव पांडेय ने परिचय के दौरान खुद को डीजीपी कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर बताया. इसके बाद उसने उससे काफी निकटता बना ली. बातों बातों में राजीव पांडेय ने भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी लगवाने की बात करने लगा.
नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी
इस मामले में आरोप है कि उसने 2019 में नौकरी लगवाने की बात करते हुए कहा कि उसने इसी माह में कई लोगों की नौकरी लगवा दी है. इस तरह उसने पहले झांसे में लिया. झांसे में लेकर ये भी बताया कि वह दर्जनों लोगों की नौकरी लगवा चुका है. इस मामले में पीड़ित का आरोप है कि उसने कहा गया था कि उसकी 2 लाख रुपये में ही नौकरी लग जाएगी. इसके बाद 8 दिसंबर 2019 को उसने 1 लाख रुपया नौकरी लगवाने के नाम पर दिया. इसके बाद राजीव पांडे ने 12 दिसंबर 2019 को हरदोई रेलवे स्टेशन पर बुलाया और कहा 15 दिन में नियुक्ति पत्र मिल जाएगा. जल्द ही नौकरी लगवाने के नाम पर 50 हजार रुपये ले लिए.
भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी से भी कराई मुलाकात
मामला यही नहीं रुका जब पीड़ित ने नौकरी की बात कही, तो उसे बताया गया कि नौकरी महंगी हो गई है. अधिक धनराशि का इंतजाम करो. इस तरह उसने धीरे-धीरे करके अपने रिश्तेदारों से पैसे लेकर उसे पैसे दिए. इतना ही नहीं बैंक खाते के अलावा नगद भी पैसे दिए. आरोप है पैसे लेने के बाद उसने काफी गुजारिश की. इसके बाद राजीव पांडे उसे नोएडा लेकर गया, जहां उसे दो अन्य लोग भी मिले जो खुद को भारतीय स्टेट बैंक का अधिकारी बता रहे थे.
दिया गया फर्जी नियुक्ति पत्र
इसके बाद उसको 7 फरवरी 2021 को नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया. उसने नियुक्ति पत्र देखकर विभाग के लोगों से जानकारी की. इसके बाद लोगों ने नियुक्ति पत्र को फर्जी बताया. जिसके बाद उसने नोएडा ऑफिस में जाकर भी मामले में पता किया. वहां भी बताया गया कि लेटर फर्जी है. आरोप है कि सिपाही ट्रेनों में निकटता बनाकर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोगों से गैंग के माध्यम से ठगी की है. राजीव पांडेय इस गैंग का सरगना है. सीओ सिटी विनोद द्विवेदी ने बताया मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. कार्रवाई की जा रही है.