UP Drought: कमजोर मॉनसून की वजह से पूर्वांचल समेत राज्य के लगभग 31 जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. यहां चालीस फीसदी बारिश कम दर्ज की गई है.
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लखनऊ : प्रदेश के कई हिस्से में पिछले कई दिनों से जारी बारिश की वजह से बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. वहीं राज्य के पूर्वांचल और बुंदेलखंड में सूखे की हालत है. सबसे अधिक बुरा हाल उपजाऊ माने जाने वाले गंगा के मैदानी क्षेत्र का है, जहां धान की रोपनी बहुत पीछे चल रही है.
कमजोर मॉनसून की वजह से पूर्वांचल समेत राज्य के लगभग 31 जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. यहां चालीस फीसदी बारिश कम दर्ज की गई है. चंदौली, मिर्जापुर, कुशीनगगर, देवरिया, मऊ, बस्ती ऐसे जिले हैं जहां बारिश पिछले साल के मुकाबले करीब आधी दर्ज की गई है. यहां तक कि श्रावस्ती, सीतापुर, गाजियाबाद में भी बारिश काफी कम रिकॉर्ड की गई.
कौशांबी में भी सूखे जैसे हालात
जिस मौसम में खेतों में पानी लबालब भरा होना चाहिए. उस मौसम में कौशांबी जिले में किसान सूखे की समस्या से जूझ रहे हैं. कौशांबी के किसानों के मुताबिक कि ऐन धान की रोपाई के सीजन में बारिश के नहीं होने से उनका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. किसान इस बात से भी परेशान हैं कि एक तो बारिश कम हुई दूसरे उनके पास बिजली से सिंचाई करने की भी उचित व्यवस्था नहीं है.
अमेठी में भी कम बारिश
अमेठी में भी हालात ठीक नहीं हैं. बारिश कम नहीं होने से यहां के सैकड़ों किसान निराश हैं. लगभग तीन हफ्ते से यहां बारिश नहीं हुई है. किसानों को चिंता है कि ऐसे में धान ही नहीं बल्कि अरहर और उर्दू तीली की खेती भी कैसे होगी. यहां के किसान कहते हैं कि अगर कुछ और दिन बारिश नहीं हुई तो फसलों को सूखने से बचाया नहीं जा सकता.
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कानपुर में भी पर्याप्त से कम बारिश
कानपुर में पिछले करीब 9 दिनों से मानसून के अनुकूल बारिश नहीं हो रही है. इसकी वजह से कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में खरीफ की फसल प्रभावित हो रही है.
जुलाई में जिलों में अभी तक हुई बारिश (मिमी में)
कानपुर -253.1
कानपुर देहात -183.8
इटावा -287.8
हरदोई -257.3
फतेहपुर -240.2
उन्नाव -229.7
लखनऊ -260.2
कन्नौज -564.4
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