सोमवती अमावस्या और वट सावित्री आज: गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुहागिनें कर रहीं व्रत
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सोमवती अमावस्या और वट सावित्री आज: गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुहागिनें कर रहीं व्रत

सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है. साथ ही ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है. इस वर्ष सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत दोनों एक साथ है ऐसे में यह विशेष फल को देने वाला है. 

 सोमवती अमावस्या और वट सावित्री आज: गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुहागिनें कर रहीं व्रत

Somvati Amavasya Snan 2022: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन पितरों के तर्पण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है. 30 मई को जेठ के कृष्ण पक्ष अमावस्या कृतिका नक्षत्र में शुरू हो रही है इस दिन सोमवार होने से यह अमावस्या सोमवती अमावस्या के नाम से जानी जाती है. साथ ही ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री व्रत भी रखा जाता है. इस वर्ष सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत दोनों एक साथ है ऐसे में यह विशेष फल को देने वाला है. 

अखंड सौभाग्य के लिए रखने वाली हैं वट सावित्री का व्रत, तो भूलकर भी महिलाएं इन दिन न करें ये गलतियां, नहीं तो हो जाएगा अशुभ

वट सावित्री व्रत पर महिलोओं ने किया वट वृक्ष का पूजन

सुहागिन स्त्री अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं. कन्नौज में आज सुबह से ही विभिन्न स्थानों पर सुहागिन महिलाओं ने पहुंचकर बरगद (वट) वृक्ष की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की. इस दौरान महिलाओं ने अपने पतियों के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की. ऐसी मान्यता है कि वट सावित्री का व्रत विशेष फल देनें वाला होता है. इस व्रत को करनें से सुहागिनों को अखण्य सौभाग्य की प्राप्ति होती है. 

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त्रिवेणी संगम में उमड़ी श्रद्धालु की भीड़ 
प्रयागराज में सोमवती अमावस्या के मौके पर त्रिवेणी संगम में ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालु की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई. गंगा, यमुना और संगम पहुंच कर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सूर्योदय से पहले स्नान किया. वहीं सूरज उगने के बाद संगम में स्नान करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. प्रयागराज में संगम घाट के अलावा रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, फाफामऊ और श्रृंगवेरपुर में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस दौरान  व्रती महिलाओं ने स्नान कर सूरज को अर्घ्य दिया. सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उन्होंने दान और पूजन के साथ पीपल के पेड़ की भी पूजा की. ऐसी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने से मानसिक, आर्थिक और शारीरिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान विशेष फल देता है.

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