जानकारी मिली है कि प्रसव के दौरान ही बिजली कट गई.वह इमरजेंसी का वक्त था, इसलिए पहले बिजली का प्रबंध न करते हुए मोबाइल के प्रकाश में प्रसव कराया गया.उन्होंने बताया कि 2 मिनट के बाद जनरेटर चालू किया गया. इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई.
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अंशुमान पांडेय/ सोनभद्र : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के एक अस्पताल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इसमें एक गर्भवती महिला की डिलिवरी मोबाइल की रोशन में कराई गई. मोबाइल की रोशनी में डिलिवरी का ये वीडियो वायरल हो रहा है. ये मामला चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां दो दिन पहले शाम के समय प्रसव के लिए एक महिला पहुंची थी. अंधेरा होने के बीच मोबाइल के प्रकाश में ही महिला का प्रसव करा दिया गया. जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली जनरेटर और इनवर्टर की सुविधा उपलब्ध थी. इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने लापरवाही बरती.
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सीएमओ ने जांच का आदेश दिया
मोबाइल की रोशनी मे प्रसव के मामले में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जानने का प्रयास किया गया तो वो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों के बचाव में दिखे.उन्होंने बताया कि वह इमरजेंसी का केस था.इसकी वजह से तत्काल जनरेटर नहीं चलाया जा सका. सवाल यह है कि प्रसव के दौरान इलेक्ट्रीशियन के द्वारा जनरेटर चालू करने के अलावा और कौन सा कार्य हॉस्पिटल में था. किस कारण जनरेटर को चालू नहीं किया जा सका और मोबाइल के प्रकाश में प्रसव कराया गया.हालांकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा एक टीम बनाकर मामले की जांच कराई जा रही है.
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चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का वीडियो वायरल
सोनभद्र के चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मोबाइल के प्रकाश में महिला का प्रसव कराया गया दिखाया गया है. इस वीडियो में प्रसव कराने आई महिला का एक परिजन अस्पताल की बदहाली को देखते हुए वहां का वीडियो बनाता है. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि मोबाइल के प्रकाश में महिला का प्रसव कराया गया. प्रसव के बाद वार्ड में शिफ्ट करने के बाद भी मोबाइल जलाकर उजाला किया गया था.
प्रसव कराने आई महिला ने भी बताया कि प्रसव के दौरान बिजली नहीं थी. मोबाइल के प्रकाश में प्रसव कराया गया और वार्ड में शिफ्ट होने के बाद भी मोबाइल जलाकर प्रकाश किया गया.इस मामले में जब सोनभद्र के मुख्य चिकित्सा अधिकारी रमेश कुमार ठाकुर ने बताया कि संज्ञान में आने के बाद सीएचसी के प्रभारी निरीक्षक से बात की गई है.
मामले की जांच करने पहुंचे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि प्रसव के दौरान बिजली चली गई और जनरेटर को स्टार्ट करने में 10 से 15 मिनट का समय लगा इस दौरान अंधेरा रहा. इमरजेंसी और प्रसव कक्ष में एक कमरे में लाइट का बैकअप होना चाहिए. आज इनवर्टर लगवाया जा रहा है. उन्होंने माना कि डीजल के अभाव में जनरेटर नहीं चल पाता है. अस्पताल में लगा सोलर पैनल भी खराब है. इन सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराते हुए भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो. इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा.
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