UP Politics : कौशांबी से बीजेपी का दलित कार्ड, OBC के बाद यूपी में अमित शाह के दौरे से नया सियासी दांव खेलेगी BJP
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UP Politics : कौशांबी से बीजेपी का दलित कार्ड, OBC के बाद यूपी में अमित शाह के दौरे से नया सियासी दांव खेलेगी BJP

UP Politics : उत्‍तर प्रदेश के कौशांबी जिले में 7 अप्रैल से दो दिवसीय कौशांबी महोत्‍सव को आगाज हो रहा है. इसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह एक दलित सम्‍मेलन में भी हिस्‍सा लेंगे. 

UP Politics : कौशांबी से बीजेपी का दलित कार्ड, OBC के बाद यूपी में अमित शाह के दौरे से नया सियासी दांव खेलेगी BJP

UP Politics : देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. विपक्ष एकजुट होकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रहा है. वहीं, भाजपा अपनी चुनावी तैयारियों को और मजबूत करने में जुट गई है. इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यूपी दौरा भी तय हो गया है. अगले महीने यानी अप्रैल में अमित शाह यूपी दौरे पर आ रहे हैं. 

7 अप्रैल से कौशांबी महोत्‍सव का आगाज 
दरअसल, उत्‍तर प्रदेश के कौशांबी जिले में 7 अप्रैल से दो दिवसीय कौशांबी महोत्‍सव को आगाज हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कौशांबी महोत्सव के उदघाटन, सांसद खेल स्पर्धा के समापन और दलित सम्मेलन में शामिल होंगे. कौशांबी महोत्सव का आयोजन यहां के सांसद विनोद सोनकर करवा रहे हैं. 

दलित वोटरों में सेंध मारने जा रही BJP 
जानकारों का मानना है कि कौशांबी में दलित सम्‍मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी भी दलित और ओबीसी मतदाताओं को साधने में लगी है. वहीं, भाजपा दलित सम्‍मेलन के जरिए यूपी में बीएसपी और सपा वोटरों में सेंध मारने जा रही है. बता दें कि यूपी में दलित वोटर बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) का वोट बैंक माना जाता है. हालांकि, पिछले कुछ चुनावों में दलित वोटरों ने भाजपा का साथ दिया है. 

यूपी में सपा-बसपा की मुश्किलें बढ़नी तय 
भाजपा में दलित वोटरों को जाता देख सपा ने भी दलित और पिछड़ा वर्ग को साधने में जुटी. इतना ही नहीं बीते कुछ बैठकों में सपा ने दलित चेहरों को आगे किया. अब भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति को दुरुस्‍त करने की तैयारी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इसके बाद यूपी में अखिलेश यादव और मायावती की मुश्किलें बढ़नी तय हैं.  

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