UP News: पुराणों में भी मिलता है बनारसी पान का जिक्र, काशी जितना ही प्राचीन है यहां के पान का इतिहास
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UP News: पुराणों में भी मिलता है बनारसी पान का जिक्र, काशी जितना ही प्राचीन है यहां के पान का इतिहास

Banarasi Paan: बनारस के पान के बारे में आपने सुना होगा, मगर क्या आप जानते हैं कि पुराणों में बनारसी पान जिक्र किया गया है. बनारस के पान (Banarasi Paan) का इतिहास काशी जितना ही पुराना है. 

Banarasi Paan (File Photo)

Banaras Ka Famous Paan: बनारस का पान पूरी दुनिया में अपने अलग स्वाद के लिए मशहूर है. यहां पर पान की खेती तो नहीं होती है, मगर फिर भी बनारसी पान (Banarasi Paan) की अपनी अलग पहचान है. आज भी यहां पान खुशी और मेजबानी की निशानी माना जाता है. पान का ज‍िक्र पुराणों में भी म‍िलता है. मौजूदा समय में बनारसी पान दुन‍ियाभर में अपने स्‍वाद के लोकप्र‍िय है. आइए जानते हैं यूपी के बनारसी पान की द‍िलचस्‍प कहानी क्‍या है.

भगवान श‍िव को प्र‍िय है पान
बनारस का पान कोई नया नहीं है, बल्कि यह काशी जितना ही प्राचीन है. काशी को भगवान शिव की नगरी मानी जाती है. मान्यता है कि बनारस का पान भोलेनाथ को अति प्रिय है. ऐसा माना जाता है पान का पहला बीज भगवान शिव और माता पार्वती ने हिमालय के एक पहाड़ पर बोया था. इसी वजह से पान के पत्ते को पवित्र पत्ते के रूप में पहचान मिली. आज भी सभी धार्मिक रस्मों में पान के पत्ते का इस्तेमाल होता है.

स्‍वाद ही नहीं औषधि गुणों से भी भरपूर है पान
पान बहुत सार औषधि गुणों से भरा हुआ है. आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि ने भी पान की खूबियों का वर्णन किया है. उन्होंने लिखा है पान खाने से पाचन शक्ति दुरुस्त होती है. प्राचीन चिकित्सा शास्त्री सुश्रुत का मानना है कि पान गले को साफ रखता है, जिसके चलते मुंह से दुर्गंध नहीं आती है.

इस दुकान पर अमिताभ बच्चन समेत कई द‍िग्‍गज खा चुके हैं पान
लंका चौराहे पर स्थित केशव तांबूल भंडार दुकान को 60 साल पुराना बताया जाता है. इस दुकान  पर दिनभर पान के शौकीनों की लाइन लगी रहती है. यहां पर अमिताभ बच्चन, अमित शाह और मुलायम सिंह के अलावा कई बड़ी हस्तियां पान का आनंद ले चुकी हैं. यहां पान लगाने वाले राजेंद्र चौरसिया पीएम मोदी को अपने पान का दीवाना बना चुके हैं. यही कारण है पीएम ने इन्हें प्रस्तावक के रूप में चुना था और मुलाकात भी की थी. यहां विदेशी सैलानी भी पान खाने आते हैं और पान खाकर हर-हर महादेव का नारा लगाते हैं.

कई प्रकार के पान हैं लोकप्र‍िय
बनारसी सादा पान में जर्दा इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि यह सादा और स्वादिष्ट होता है. बनारसी मीठा पान सबसे ज्यादा खाया जाता है, इस पान को तैयार करने में कई तरह के मीठे और स्वादिष्ट मसालों का उपयोग किया जाता है. इस पान को महिलाएं और युवा सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. वहीं, पंचमेवा पान में पांच तरह की मेवा का इस्तेमाल होता है, किसी विशेष मौके पर इस तरह के पान को खिलाया जाता है. जर्दा पान में मसालों के साथ जर्दे का भी इस्तेमाल होता है, बनारस के पान में प्रयोग होने वाले जर्दे की भी अपनी अलग खासियत है.

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गुलाब पान में गुलकंद की मिठास परोसी जाती है, जिसके कारण यह अपने विशेष स्वाद के कारण पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है. वहीं, बनारसी केसर पान में मसालों के साथ-साथ इलायची और केसर का इस्तेमाल होता है, जिसके चलते इसका अपना विशेष स्वाद होता है. नवरत्न पान में इलायची, पांच तरह के मेवे और गुलकंद के साथ-साथ कई अन्य स्वादिष्ट मसालों का उपयोग किया जाता है. राजरतन पान में मसालों के साथ केसर और चांदी के वर्क लपेटा जाता है, यह काफी महंगा पान भी होता है. बनारसी अमावट पान में खट्टे और मीठे मसालों का उपयोग होता है, यह अपने विशेष स्वाद के लिए जाना जाता है. बनारसी गिलोरी पान में मेवों के साथ-साथ गुलकंद का भी इस्तेमाल होता है.

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