Ayodhya News: अयोध्या के तपस्वी छावनी मन्दिर को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. प्रशासन ने अपनी तरफ से मामला सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन बात न बनता देख यह पूरा मामला न्यायालय पर छोड़ दिया है. जानिए क्या है मामला...
Trending Photos
अयोध्या: रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) में तपस्वी छावनी मन्दिर (Tapaswi Chawni Mandir) को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. संतों के दोनों गुटों के बीच में बंटवारे को लेकर टकराव को देख जिला प्रशासन ने बैठक की. आपको बता दें कि संतों के बीच सामंजस्य बैठाने के प्रयास को लेकर ये बैठक की गई, ताकि आपसी सहमति बन सके. प्रशासन ने अपनी तरफ से प्रयास किया, लेकिन बात न बनते देख यह पूरा मामला न्यायालय पर छोड़ दिया है. इस दौरान दिवंगत महंत सर्वेश्वर दास के तेरहवीं संस्कार को दोनों पक्षों ने सहमति के आधार पर करने पर निर्णय लिया. आइए बताते हैं पूरा मामला.
30 अगस्त को हुआ था महंत का निधन
आपको बता दें रामनगरी अयोध्या में इन दिनों तपस्वी छावनी मंदिर विवाद बढ़ गया है. दरअसल, 30 अगस्त को तपस्वी छावनी मंदिर के महंत सर्वेश्वर दास का निधन हो गया था. उनकी गद्दी पर अगला उत्तराधिकारी महंत कौन बने, इसकी नियुक्ति को लेकर साधु-संतों में ही विवाद शुरू हो गया है. इसको लेकर आगामी 12 सितंबर को महंत बनाए जाने को लेकर दोनों गुटों के संत प्रशासनिक अधिकारियों से सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
प्रशासनिक अधिकारियों ने बढ़ाई सतर्कता
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सतर्कता बढ़ा दी है. मंदिर सहित आसपास के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में सुरक्षा बल को तैनात कर दिया है. वहीं, संतो के द्वारा मुलाकात के बाद दोनों गुटों का रुख देख प्रशासन असमंजस में नजर आ रहा है. शायद यही वजह है कि पूरे मामले को अब न्यायालय पर छोड़ दिया गया है.
ऐसे शुरू हुआ वर्चस्व का विवाद
दरअसल संतों के गुटों में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है. वहीं, संत परमहंस दास के समर्थन में अयोध्या की प्राचीन पीठ हनुमानगढ़ी मंदिर के नागा साधु खुलकर उतर आ गए हैं. चारों पट्टियों के महंतों और नागा साधुओं ने तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास का समर्थन किया है. दूसरी तरफ अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीप दास, जो अभी ट्रस्ट के वर्तमान सदस्य हैं, उनके पक्ष में अयोध्या के प्रमुख मंदिर छोटी छावनी, बड़ा भक्तमाल मंगल भवन, पीठाधीश्वर रंगमहल बड़ा स्थान समेत सभी मठ मंदिर के महंतों ने अपना समर्थन दिया है. जिसके बाद दोनों पक्ष में वर्चस्व की लड़ाई ठन गई है.
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले में जिलाधिकारी अयोध्या नीतीश कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों से वार्ता की गई है. उनके द्वारा यह स्वीकारा गया है कि अब स्वर्गीय महंत के निधन का भंडारा 12 सितंबर को शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा. जिसमें 200 संत मौजूद रहेगें. वहीं, मंदिर के स्वामित्व का विवाद माननीय न्यायालय तय करेगा. तब तक दोनों पक्ष किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं करेंगे.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने बताया कि मंदिर के स्वामित्व को लेकर विवाद था. अयोध्या के कई संत महंत के मौजूदगी में एक समन्यव बैठक की गई. दोनों पक्षों ने सहमति दी है कि शांतिपूर्ण वातावरण में स्वर्गीय महंत के भंडारा करेंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में अयोध्या के माहौल को खराब नहीं होने दिया जाएगा.
WATCH LIVE TV