Ayodhya: राम मंदिर बनने से पहले बना रिकॉर्ड, 6 माह में 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया राम लला का दर्शन
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Ayodhya: राम मंदिर बनने से पहले बना रिकॉर्ड, 6 माह में 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया राम लला का दर्शन

UP News: अयोध्या, काशी, आगरा हो या मथुरा लगातार उत्तर प्रदेश में विकास के नए-नए रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं. दरअसल, राम मंदिर बनने से पहले नया रिकॉर्ड बन गया है.

Ayodhya: राम मंदिर बनने से पहले बना रिकॉर्ड, 6 माह में 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया राम लला का दर्शन

अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश लगातार विकास के नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है. अयोध्या, काशी, आगरा, मथुरा, चित्रकूट हो या झांसी समृद्धशाली यूपी लगातार रिकार्ड बना रहा है. उत्तर प्रदेश 'उड़ान' की नई इबारत रच रहा है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में साल 2022 में 24.87 करोड़ पर्यटक आए, इनमें से विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 4 लाख 10 हजार रही. दरअसल, यूपी में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, सरकार भी इस तरफ भी काफी ध्यान दे रही है. लिहाजा जीआईएस के इस सेक्टर में भी लोगों का काफी रुझान रहा, इसमें 98193 करोड़ और होटल सेक्टर में 20,722 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. आगामी वर्षों में इन दो सेक्टरों से रोजगार के लगभग पौने 4 लाख अवसर सृजित होंगे.

राम मंदिर बनने पर पर्यटकों की संख्या में होगी बेतहाशा वृद्धि
आपको बता दें कि जनवरी 2024 तक अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा. जानकारों की मानें तो इसके बाद पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होगी. सीएम योगी ने अपनी रैलियों में अभी से लोगों का आह्वान शुरू कर दिया कि आप अयोध्या आइए. यूपी आपके स्वागत को तैयार है. अगर सिर्फ अयोध्या की बात करें, तो साल 2022 के शुरुआत के 6 महीने में यहां 2 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे थे. साल 2017 में यहां लगभग एक करोड़ 78 लाख से अधिक पर्यटक आए. वहीं, साल 2018 में एक करोड़ 95 लाख पर्यटक अयोध्या आए. इसके बाद साल 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर 2 करोड़ को पार चला गया. वहीं, दीपोत्सव ने इन पर्यटकों को नई उड़ान दी, जिससे 2022 के महज 6 महीने में 2 करोड़ 21 लाख 38 हजार से अधिक पर्यटकों ने राम लला के दर्शन किए.

योगी सरकार ने पर्यटन के दृष्टिकोण से यूपी को दी नई पहचान
आपको बता दें कि सीएम योगी के सत्ता संभालने के बाद से विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण और विंध्यधाम के निर्माणाधीन होने के साथ ही आगरा, मथुरा, चित्रकूट, झांसी समेत अन्य शहरों का भी पर्यटन की दृष्टि से काफी विकास हुआ. वहीं, यूपीजीआईएस-2023 में भी यूपी के शहरों में पर्यटन व होटल के दृष्टिगत काफी निवेश आए. खास बात ये है कि ये निवेश केवल देश नहीं विदेश की कंपनियों ने भी किए. बता दें कि अयोध्या का राम मंदिर और विंध्याचल में विंध्य धाम का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. निवेशकों की मानें तो अगले साल पर्यटन और होटल क्षेत्र में यूपी में आगंतुकों की संख्या में वृद्धि होगी. वहीं, यहां के युवा रोजगार की आकांक्षा को अपने जिले और गांव में पाने में सक्षम होंगे.

2022 में यूपी आए 24.87 करोड़ पर्यटक
बता दें कि पर्यटन व होटल के क्षेत्र में देशी और विदेशी कंपनियां उत्तर प्रदेश की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही हैं. टॉप-20 सेक्टरों में शामिल पर्यटन को लेकर यूपी सरकार को कुल 397 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसके जरिए 98,193 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है. इससे दो लाख 60 हजार से अधिक रोजगार मिलेंगे, जबकि होटल सेक्टर में 437 प्रस्ताव प्राप्त हुए. 20,722 करोड़ रुपये होटल सेक्टर में आने वाले दिनों में यूपी में खर्च होंगे. इससे पश्चिमांचल, पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड में तकरीबन एक लाख युवा रोजगार पाने में सफल होंगे. दोनों क्षेत्र मिलाकर तकरीबन पौने 4 लाख रोजगार पर्यटन और होटल सेक्टर देंगे. 

30 शहरों में होटल बनाएगा जापान  
आपको बता दें कि जीआईएस में जापान के प्रतिनिधियों ने भी यूपी के बदले माहौल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की. निवेशकों ने 7,200 करोड़ के निवेश को लेकर एमओयू किया. समिट में जापानी कंपनी होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कंपनी लिमिटेड एचएमआई ग्रुप ने आगरा, अयोध्या, वाराणसी समेत 30 शहरों में होटल खोलने का मन बनाया. ग्रुप के निदेशक, पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा भी कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के विकास के बाद यहां पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है. 

पर्यटन के दृष्टिकोण से यूपी काफी समृद्ध
आपको बता दें कि निवेशक पर्यटन के दृष्टी से यूपी को काफी समृद्ध मानते हैं. इनका मानना है कि अध्यात्म को ध्यान में रखते हुए अयोध्या,  चित्रकूट, काशी, प्रयागराज, मिर्जापुर यूपी में है, तो आगरा, बुंदेलखंड, रानी लक्ष्मीबाई की नगरी झांसी भी यूपी का गौरव है. सीएम योगी इन शहरों के विकास के साथ ही वहां की विरासत का भी सम्मान कर रहे हैं. प्रयागराज के माघ मेले में ही यहां बीते माह 44 दिन में लगभग 9 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे थे. इस मेले में लगभग 156 करोड़ का कारोबार हुआ. वहीं, 2 लाख लोग अस्थायी रोजगार से भी जुड़े.

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