Agra Airport: आगरा के धनौली में सिविल एन्क्लेव के निर्माण से आगरा में फ्लाइट चलाने वाली एयरलाइंस कंपनियों की दुविधा खत्म हो जाएगी....वहीं घरेलू उड़ानों के साथ ताज देखने आने वाले पर्यटकों के चार्टर प्लेन की संख्या भी कई गुना बढ़ सकती है..
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) की याचिका पर सुनवाई करते हुए आगरा हवाईअड्डे से उड़ानों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दे दी है. इस आदेश से धनौली में प्रस्तावित नए सिविल एन्क्लेव को बनाने का उद्देश्य भी पूरा हो सकेगा. इस बदलाव केबाद खेरिया स्थित आगरा हवाईअड्डे से अब और उड़ानों की आवाजाही हो सकेगी. इसके लिए 55 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कही थी ये बात
बता दें कि कोर्ट ने पहले कहा था कि भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) को आगरा के मौजूदा हवाई अड्डे पर एक अतिरिक्त टर्मिनल का निर्माण करने का अधिकार होगा, लेकिन एएआई और केन्द्र सरकार को अगले आदेश तक आगरा में हवाई यातायात को और बढ़ाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. न्यायमूर्ति एस. के. कौल, न्यायमूर्ति ए. एस. ओका और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने मंगलवार को मामले में सुनवाई की.
एएआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अजित कुमार सिन्हा ने पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत ने पहले एएआई को अतिरिक्त टर्मिनल बनाने की अनुमति दी थी और केंद्र ने इस मुद्दे पर अध्ययन भी कराया है. कोर्ट ने जब चार दिसंबर, 2019 को मामले की सुनवाई की थी, तो केन्द्र की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने पीठ को बताया था कि सरकार एक अध्ययन की मदद से हवाई मार्ग से आगरा आने वाले यात्रियों की संख्या और भविष्य में उनकी संख्या में वृद्धि का आकलन करना चाहती है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सिन्हा ने पीठ को बताया कि टर्मिनल निर्माण के लिए धन आवंटित कर दिया गया है. हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या का बढ़ना वक्त की जरूरत है, क्योंकि पूरी दुनिया से पर्यटक ताजमहल और अन्य स्मारकों/विरासतों को देखने आते हैं.
बनेगा नया सिविल एन्क्लेव
यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने के लिए और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा सिविल एन्क्लेव (टर्मिनल) की जगह नए सिविल एन्क्लेव का विकास प्रस्तावित किया है. एएआई के मुताबिक 33,400 वर्गमीटर के भवन क्षेत्र वाला नया एन्क्लेव उस क्षेत्र पर प्रस्तावित है, जो ताज ट्रेपिजियम जोन (टीटीजेड) की भौगोलिक सीमा के अंदर आता है. इस प्रस्तावित क्षेत्र सभी बाधाओं से मुक्त है और यूपी सरकार ने इसे स्थानांतरित कर दिया है. अथॉरिटी ने प्रस्तुत किया कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 दिसंबर, 2019 और 11 दिसंबर, 2019 के अपने आदेश में पहले ही न्यू सिविल एन्क्लेव (टर्मिनल) के निर्माण की अनुमति दे दी है.
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