बीएचयू में MBBS की जगह 12वीं पास कर रहे थे इलाज, 7 पर केस दर्ज
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बीएचयू में MBBS की जगह 12वीं पास कर रहे थे इलाज, 7 पर केस दर्ज

BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉक्टरों ने अपनी जगह 12वीं पास युवाओं को अपनी जगह ड्यूटी पर तैनात कर दिया था.

बीएचयू में MBBS की जगह 12वीं पास कर रहे थे इलाज, 7 पर केस दर्ज

वाराणसी/जयपाल : BHU में फर्जी डॉक्टरों के रैकेट का खुलासा हुआ है. MBBS डॉक्टर इंटर्न को 6000 रुपए महीना देकर अपनी जगह पर ड्यूटी कराते पकड़े गए हैं. एक इंटर्न 12वीं पास करके यहां गंभीर रोगियों का ईलाज कर रही थी. पकड़े गए इंटर्न को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. इस मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. हैरान करने वाला यह मामला BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर का है. 2017 बैच के पासआउट MBBS डॉक्टरों की जगह 3 लोगों को ड्यूटी करते पकड़ा गया है. फर्जी इंटर्न की पहचान वाराणसी के विशेश्वरगंज की प्रीती चौहान, मिर्जापुर अदलहाट के मोहित सिंह और सोनभद्र स्थित अनपरा के अभिषेक सिंह के रूप में गई है.

ये इंटर्न MBBS कर चुके डॉ. नितिन, डॉ. शुभम, डॉ. सौमिक डे और डॉ. कृति की जगह ड्यूटी कर रहे थे. MBBS डॉक्टर इन्हें 6000 रुपये महीना देकर ड्यूटी कराते थे. अब सवाल यह है कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले इन डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन क्या कार्रवाई करता है. क्या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया इन पर कोई एक्शन लेगा. 

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बताया जा रहा है कि प्रीति केवल 12वीं पास ही है और वह MBBS डॉक्टर की तरह ही काम कर रही थी. पकड़े गए फर्जी इंटर्न को लंका पुलिस को सौंप दिया गया है. BHU सुरक्षा निरीक्षक अरुण कुमार की तहरीर पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.फर्जी इंटर्न प्रीति के व्हाट्सएप चैट से हुआ खुलासा.

चैट से भी हुआ खुलासा
महिला डॉक्टर ने लिखा कि प्रीति (फर्जी इंटर्न) तुम्हें मोहित (फर्जी इंटर्न) ने बताया कि 14-18 तक ऑर्थो पोस्टिंग करनी है मेरी? इस पर प्रीति ने लिखा कि जी मैम. भइया ने अभी बताया हमें... तो कितने बजे से कितने बजे तक रहेगा समय. इस पर महिला डॉक्टर ने लिखा कि सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ड्यूटी रहेगी. बीच में लंच ब्रेक भी मिलेगा. बताया जा रहा है कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा था. डॉक्टर इस मामले में फंसे ना  इसलिए उन्होंने फर्जी इंटर्न से दूरी बनाए रखी. व्हाट्सएप चैट और कॉल पर ही बात की और दिशा-निर्देश देते रहे. यही नहीं, हर दिन का मेहनताना भी नकद नहीं दिया जाता था. य

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यूपीआई एप के जरिये सीधे फर्जी इंटर्न के बैंक खाते में भेज दिया जाता था.यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा जिसका अब भंडाफोड़ हुआ है. वाराणसी पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने कहा है कि BHU प्रशासन ने इंटर्न को हमें सौंप दिया. मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और आगे जांच की जा रही है. जांच के बाद पता चलेगा कि ये सभी कब से वहां फर्जी ड्यूटी कर रहे थे.

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