West UP Politics: संजीव बालियान का बयान क्या सोची-समझी रणनीति, क्या जाटलैंड में पकड़ मजबूत करेगी बीजेपी
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1897022

West UP Politics: संजीव बालियान का बयान क्या सोची-समझी रणनीति, क्या जाटलैंड में पकड़ मजबूत करेगी बीजेपी

UP News: अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का बयान क्या सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. क्या जाटलैंड में मुस्लिम-जाट वोटबैंक के समीकरण को लेकर बीजेपी ने नया दांव चला है. 

west up seperate state demand

West UP News: केंद्रीय मंत्री और वेस्ट यूपी में बीजेपी के बड़े नेता संजीव बालियान ने अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग कर बीजेपी को पसोपेश में डाल दिया है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषक अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में बालियान के बयान को सोची समझी रणनीति का हिस्सा मानने से इनकार नहीं कर रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि संजीव बालियान और पश्चिमी यूपी में बीजेपी के कई बड़े नेता अपनी कमजोर होती पकड़ को मजबूत बनाने में जुटे हैं. रालोद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पकड़ मजबूत करने का वो कोई  मौका नहीं देना चाहते.

जाट आरक्षण को लेकर अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में उठी मांग के बीच बालियान के इस बयान को विपक्षी दलों ने लपक भले ही लिया हो, लेकिन ये बीजेपी के सियासी गेमप्लान का हिस्सा हो सकता है. किसान आंदोलन के बाद से विपक्षी दलों द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी को चोट पहुंचाने की कोशिश लगातार जारी है. पार्टी भी जानती है कि  जाट-मुस्लिम समीकरण लोकसभा चुनाव में उसकी उम्मीदों पर पानी फेर सकता है. खतौली विधानसभा उपचुनाव में मिली हार को बीजेपी भूली नहीं है. वहीं पूर्वांचल में इसी तरह दलित-मुस्लिम समीकरण ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. 

जाटों की जनसंख्या
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में करीब 17-18 % जाट हैं. इनका 120 सीटों पर सियासी असर है. वेस्ट यूपी की 45 से 50 सीटों पर तो जाट चुनाव में सीधे जीत हार तय करते हैं. 11 जिलों में जाट निर्णायक भूमिका में हैं.

जाटलैंड बीजेपी का गढ़ रहा
मेरठ, मुजफ्फरनगर, आगरा, मथुरा, कैराना और बागपत जैसे जिलों को जाटलैंड का हिस्सा माना जाता है. गौतमबुद्ध नगर, हापुड़ और गाजियाबाद में भी इनकी अच्छी खासी तादाद है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से जाट लगातार बीजेपी के साथ खड़े दिखे हैं. किसान आंदोलन के बाद जाट लैंड में बीजेपी की अग्निपरीक्षा 2022 के विधानसभा चुनाव में हुई थी. खुद गृह मंत्री अमित शाह जाट लैंड की सड़कों पर उतरे थे और घर-घर पर्चा बांटकर बीजेपी के लिए जाटों की अहमियत का संकेत दिया था. 

जाट-मुस्लिम गठजोड़ हावी न हो जाए
दलितों, मुसलमानों के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों की अच्छी खासी आबादी है. बसपा के लगातार कमजोर होने से मुस्लिमों का पूरा झुकाव सीधे सपा की ओर दिख सकता है. ऐसे में अगर जाटों का झुकाव भी उसी ओर रहा तो बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. 

यूपी विधानसभा में मुस्लिम आबादी का प्रभाव
यूपी की 143 विधानसभा सीटों में 20 फीसदी मुस्लिम
30 विधानसभा सीटों पर 40 प्रतिशत के करीब मुस्लिम
43 विधानसभा सीटों पर 30 फीसदी के लगभग मुस्लिम
70 सीटों पर 20 से 30 प्रतिशत मुसलमानों की जनसंख्या

लोकसभा का सियासी गणित--
36 लोकसभा सीटों पर मुस्लिम 20 फीसदी 
6 लोकसभा सीटों पर 40 से 50 प्रतिशत मुसलमान
12 लोकसभा सीटों पर 30 से 40 फीसदी मुस्लिम
18 लोकसभा सीटों पर 20 से 30 फीसदी मुसलमान

 

 

Trending news