one nation one election bill latest updates: एक देश एक चुनाव को लेकर लोकसभा में बिल पेश कर दिया गया है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस जैसे दलों ने अपना तीखा विरोध दर्ज कराया है. वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर चर्चा तेज हो गई है.
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one nation one election bill news in hindi: देश में एक साथ आम चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने को लेकर मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. इसको लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का तीखा विरोध सामने आया है. लेकिन क्या इससे क्षेत्रीय दलों का वजूद खतरे में पड़ जाएगा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, एक देश-एक चुनाव का फैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित होगा. ये विधेयक देश के संघीय ढांचे पर भी बड़ी चोट करेगा. इससे क्षेत्रीय मुद्दों का महत्व खत्म हो जाएगा. जनता उन बड़े बनावटी मुद्दों के मायाजाल में फंस जाएगी, जिन तक उनकी पहुंच ही नहीं है.
आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि संविधान निर्माण के समय क्षेत्र, भाषा और परिस्थिति के हिसाब से अलग अलग विधानसभा चुनाव कराने का ढांचा दिया था. लेकिन यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. अगर अविश्वास प्रस्ताव आता है तो क्या पूरे देश में चुनाव कराया जाएगा. एक देश एक संविधान एक चुनाव सिर्फ कुछ दलों को फायदा पहुंचाने और तानाशाही लाने का तरीका है. जो लोग आठ राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं करा सकते, वो पूरे देश में एक चुनाव कैसे कराएंगे. यह संघीय ढांचे के तहत राज्यों की विधायिका की शक्ति के खिलाफ है. यह गरीब, दलित, पिछड़ा विरोधी है.
क्षेत्रीय दलों की आशंकाएं---
1. देश में केंद्र और अलग-अलग विधानसभा चुनाव कराने से राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर अलग-अलग बहस और रायशुमारी हो सकेगी. इन मुद्दों पर अपने वोट के जरिये जनता जनादेश देगी. अगर एक देश एक चुनाव होंगे तो राष्ट्रीय मुद्दे हावी होंगे और क्षेत्रीय दलों को नुकसान होगा.
2. एक साथ एक चुनाव के तहत राष्ट्रीय दल बड़े पैमाने पर अपनी मशीनरी का इस्तेमाल करेंगे. बड़े दलों के नेता सभी प्रचार के प्लेटफॉर्म पर हावी रहेंगे. क्षेत्रीय दलों के नेता पूरे देश में चुनाव प्रचार में जाने की बजाय अपने मजबूत इलाकों में प्रचार करने को मजबूर रहेंगे.
3. वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लेकर एक आशंका यह भी है कि अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ होंगे तो यह बड़े दलों के नेताओं के चेहरों की पसंद या नापसंद का चुनाव बनकर रह जाएगा. भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े दल इसका फायदा उठाएंगे.