Mahashivratri 2023 Date: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Mahashivratri 2023 Date: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Maha Shivratri 2023 Date: महाशिवरात्रि शिव और माता पार्वती के विवाह की रात्रि मानी जाती है. साल 2023 में महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी को है. 

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Mahashivratri 2023: हिंदू धर्म (Hindu religion) में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का खास महत्व है. शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं. भगवान भोलेनाथ की सच्‍चे मन से आराधना करते हैं. मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान शिव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि अगले साल 2023 में महाशिवरात्रि कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि....

महाशिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त 
साल 2023 में महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी, दिन शनिवार को मनाया जाएगा. 
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- रात 8:02 बजे, 18 फरवरी 
चतुर्दशी तिथि समाप्त- शाम 4:18 बजे तक, 19 फरवरी
महाशिवरात्रि पर निशिता काल- 12:16 AM बजे से 1:06 AM बजे तक,  19 फरवरी
महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त- 19 फरवरी को प्रात: 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तक.

महाशिवरात्रि 2023 पूजा विधि (Maha Shivratri 2023 Puja Vidhi)
शिवरात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करा कराएं. केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं. इसके बाद चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र, भांग, गन्ने का रस, धतूरा, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिठाई, मीठा पान इत्र और दक्षिणा चढ़ाएं. इसके बाद खीर का भोग लगाकर प्रसाद बांटे. पूजा के दौरान ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें.  इस दिन शिव पुराण का पाठ जरूर करें. अगर इस दिन जागरण हो तो अति उत्तम है.इस दिन रात्रि के चारों प्रहर में शिवजी की पूजा करनी चाहिए. पूरी रात दीपक जलाकर रखना चाहिए. 

महाशिवरात्रि के दिन करें ये काम
इस दिन काले तिल सहित स्नान करने और उपवास रख रात्रि में भगवान शिव की विधिवत आराधना करना कल्याणकारी माना जाता है. दूसरे दिन अर्थात अमावस के दिन मिष्ठान्नादि सहित ब्राहम्णों तथा शारीरिक रुप से अस्मर्थ लोगों को भोजन देने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए. यह व्रत महा कल्याणकारी होता है और अश्वमेध यज्ञ तुल्य फल प्राप्त होता है. इस दिन किए गए अनुष्ठानों, पूजा व व्रत का विशेष लाभ मिलता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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