Shani Pradosh Vrat Kab Hai: शनि प्रदोष व्रत के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि यह सर्वोत्तम और मनोकामनाएं पूरी करने वाला व्रत होता है. जो भी विधि विधान से व्रत करता है उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. आइए इस बारे में और जानते हैं.
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Shani Pradosh Vrat 2023: शनि प्रदोष व्रत के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि यह व्रत बहुत ही उत्तम और मनोकामनाएं पूरी करने वाला व्रत होता है. हर महीने की त्रियोदशी तिथि पर यह व्रत किया जाता है. इस बार प्रदोष व्रत 1 जुलाई की तारीख को पड़ रहा है. इस दिन यह तिथि शनिवार के दिन पड़ रहा है, ऐसे में इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. संतान प्राप्ति के लिए अगर कोई व्रत सर्वोत्तम है तो यहीं है. शनि प्रदोष व्रत के क्या महत्व है और इस दिन पूजा करने की क्या विधि और शुभ मुहूर्त है आइए जानते हैं.
शनि प्रदोष व्रत
जुलाई की 1 तारीख को शनि प्रदोष व्रत त्रियोदशी तिथि पड़ रही है. त्रियोदशी तिथि 1 जुलाई को 1 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर रात में 11 बजकर 6 मिनट पर समाप्त हो रही है. बताया जाता है कि इस व्रत को जो कोई भी करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.
प्रदोष व्रत के क्या महत्व है
मान्यता है कि जो बी पूरे मन के साथ यह व्रत रखता है और पूरे मन से भगवान शिव की आराधना करता है उसके कष्ट दूर होते हैं और इस दिन के व्रत का फल दो गायों के दान जितना होता है. इस व्रत को करने के बारे में माता सति को भगवान शिव ने बताया था. प्रदोष काल यानी संध्या के समय पूजा करने से अधिक मिल पाता है।
शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष के दिन जातक सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करें. गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध करें और फिर भगवान शिव को सभी सामग्री जैसे बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप पूरे मन के साथ अर्पित करें. भगवान शिव पर ओम नम:शिवाय का जाप करते हुए दल अर्पित करें. शाम के समय शिव मंदिर जाकर शिव मंत्र का जाप करें. शाम के समय एक दिया सरसों के तेल वाला जलाकर पीपल के पेड़ तले रखें और फिर शनि देव के मंदिर में भी दिया जला आएं, शुभफल प्राप्त होंगे.
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