Mangalwar Ke Upay: मंगलवार को जरूर पढ़ें श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र, संकटमोचन हर लेंगे सारे कष्ट
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Mangalwar Ke Upay: मंगलवार को जरूर पढ़ें श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र, संकटमोचन हर लेंगे सारे कष्ट

Mangalwar Ke Upay: हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक के पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं. इसके साथ ही श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र का भी मंगलवार को पाठ करना चाहिए. इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. 

Mangalwar Ke Upay

Mangalwar Ke Upay: आज 13 जून दिन मंगलवार है. हिंदू धर्म में यह दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है. मंगलवार का दिन अंजनिपुत्र हनुमान को समर्पित है. हनुमानजी को महावीर, बजरंगबली, मारुती, पवनपुत्र, अंजनीपुत्र तथा केसरीनंदन के नाम से भी जाना जाता है. उन्हें भोलेनाथ का 11वां रूद्र अवतार माना जाता है. मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. बजरंगबली भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं, इसीलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है.  मंगलवार को श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र जरूर पढ़ना चाहिए. इसके पाठ से पवनसुत हनुमान प्रसन्न होते हैं तो आइये जानते हैं....

॥ श्री हनुमानद्वादशनाम स्तोत्र ॥
हनुमानञ्जनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल: ।
रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम: ॥

उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।
लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥

एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन: ।
स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत् ॥

तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्।
राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन ॥

हनुमानजी के 12 नाम: 
1- हनुमान
2 - अंजनिपुत्र
3 - वायुपुत्र
4 - महाबल
5 - रामेष्ट
6 - फाल्गुनसखा
7 - पिंगाक्ष
8 - अमितविक्रम
9 - उदधिक्रमण
10 - सीताशोकविनाशन
11 - लक्ष्मणप्राणदाता
12 - दशग्रीवस्य दर्पहा

श्रीहनुमन्नमस्कारः

सोरठा 
प्रनवउँ पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन ।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर ॥१॥

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् ।
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ॥२॥

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् ।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥३॥

श्रीहनुमन्नमस्कारः -
गोष्पदी-कृत-वारीशं मशकी-कृत-राक्षसम् ।
रामायण-महामाला-रत्नं वन्देऽनिलात्मजम् ॥ १॥

अञ्जना-नन्दनं-वीरं जानकी-शोक-नाशनम् ।
कपीशमक्ष-हन्तारं वन्दे लङ्का-भयङ्करम् ॥ २॥

महा-व्याकरणाम्भोधि-मन्थ-मानस-मन्दरम् ।
कवयन्तं राम-कीर्त्या हनुमन्तमुपास्महे ॥ ३॥

उल्लङ्घ्य सिन्धोः सलिलं सलीलं
यः शोक-वह्निं जनकात्मजायाः ।
आदाय तेनैव ददाह लङ्कां
नमामि तं प्राञ्जलिराञ्जनेयम् ॥ ४॥

मनोजवं मारुत-तुल्य-वेगं
जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम् ।
वातात्मजं वानर-यूथ-मुख्यं
श्रीराम-दूतं शिरसा नमामि ॥ ५॥

आञ्जनेयमतिपाटलाननं
काञ्चनाद्रि-कमनीय-विग्रहम् ।
पारिजात-तरु-मूल-वासिनं
भावयामि पवमान-नन्दनम् ॥ ६॥

यत्र यत्र रघुनाथ-कीर्तनं
तत्र तत्र कृत-मस्तकाञ्जलिम् ।
बाष्प-वारि-परिपूर्ण-लोचनं
मारुतिर्नमत राक्षसान्तकम् ॥ ७॥

इसके अलावा हनुमान जी की पूजा में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक के पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं. 

डिस्क्लेमर: यहां पर दी गईं सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि  Zee Upuk किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है.किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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