kharmas 2024: कब शुरू हो रहा साल का अंतिम खरमास?, बैंड-बाजा और बारात की क्‍यों मनाही
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kharmas 2024: कब शुरू हो रहा साल का अंतिम खरमास?, बैंड-बाजा और बारात की क्‍यों मनाही

Kharmas 2024: खरमास के समय अच्छे कार्यों के लिए उत्तम नहीं माना जाता है. इस दौरान शुभ व मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. तो जानते हैं साल का दूसरा खरमास कब से शुरू हो रहा है. 

kharmas 2024

Kharmas In December 2024: हिंदू धर्म में खरमास का बहुत ही खास महत्व है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, साल का पहला खरमास मार्च से अप्रैल के बीच में और दूसरा दिसंबर से जनवरी के बीच में लगता है. साल 2024 का पहला खरमास 14 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक के बीच में लग चुका है. अब साल के दूसरे खरमास की बारी है. तो आइये जानते हैं दूसरा खरमास कब से शुरू हो रहा है. क्‍यों शुभ कामों की मनाही रहती है.  

इस बार कब है खरमास?  
हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है. इस दौरान शादी-विवाह सहित अन्य मांगलिक कामों में ब्रेक लग जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य देवता जब देव गुरु बृहस्पति की राशियों जैसे की मीन या धनु में प्रवेश करते हैं. उस समय में खरमास लग जाता है. पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर दिन रविवार को सूर्य वृश्चिक राशि में निकलकर धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे और इस तरह खरमास का भी प्रारंभ हो जाएगा. खरमास की अवधि 30 दिन की होती है क्योंकि सूर्य एक राशि में 30 दिन तक रहते हैं. खरमास  पूरे एक माह चलेगा. इसका अंत नए साल 2025 में 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा.

मांगलिक कार्यक्रम पर ब्रेक
खरमास लगते ही शादी विवाह आदि शुभ व मांगलिक कार्यक्रम पर ब्रेक लग जाता है. धनु राशि देवगुरु बृहस्पति की राशि है, जो सूर्यदेव के मित्र हैं, ऐसे में उनकी राशि में सूर्यदेव के गोचर करने से मेष, मिथुन, सिंह समेत 5 राशियों के लिए बढ़िया रहेगा. ऐसे में सूर्य गोचर का लाभ इन 5 राशियों को साल 2025 तक मिलेगा. 

खरमास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य
ज्योतिष के मुताबिक, खरमास के दिनों में सूर्य के गुरु ग्रह की राशि में आने पर गुरु ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है. वहीं, गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है. शुभ कार्यों के लिए शुक्र और गुरु तारे का उदय होना जरूरी माना जाता है, अगर दोनों में एक भी ग्रह अस्त रहेगा तो उस अवधि में शुभ कार्यों नहीं किए जा सकते.

 

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