Nikay Chunav: चन्दौसी और संभल में निर्दलीय उम्मीदवारों का पलड़ा भारी, बीजेपी के बड़े नेता चुनाव प्रचार में नदारद
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Nikay Chunav: चन्दौसी और संभल में निर्दलीय उम्मीदवारों का पलड़ा भारी, बीजेपी के बड़े नेता चुनाव प्रचार में नदारद

Nikay Chunav 2023: चंदोसी में बीजेपी की अंदरूनी कलह का बड़ा फायदा निर्दलीय उम्मीदवार को मिल रहा है... निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव प्रचार और वोटरों से तालमेल बिठाने में रफ्तार पकड़े हुए हैं...सिर्फ बहजोई निकाय में बीजेपी उम्मीदवार की स्थिति मजबूत मानी जा रही है.

Nagar Nikay Chunav 2023

सुनील सिंह/संभल: यूपी के संभल जिले में निर्दलीय उम्मीदवारों ने बीजेपी उम्मीदवारों की नींद उड़ा दी है. निकाय चुनाव टिकट वितरण से नाराज बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी बीजेपी उम्मीदवारों पर भारी पड़ रही है.  बीजेपी के कई कद्दावर मंत्री और नेताओं के तमाम प्रयास के बावजूद बीजेपी के स्थानीय नेता बड़े नेता और कार्यकर्ता बीजेपी उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार से नदारद हैं. चंदौसी में बीजेपी उम्मीदवार बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं की नाराजगी से संकट में है.

बीजेपी के कई कद्दावर मंत्री और नेताओं की नाराज बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने की नाकाम कोशिश के बाद आज बीजेपी के केविनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी चंदोसी में वी जे पी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके घर घर जाकर मनाने का प्रयास करेंगे. 

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संभल निकाय में मुख्य मुकाबला सपा सांसद समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार और सपा विधायक की सपा प्रत्याशी पत्नी के बीच है. संभल में बीजेपी उम्मीदवार जीत की दौड़ से बाहर हैं. सपा सांसद शफीकुर्र रहमान वर्क समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार और सपा की गुटबाजी ने सपा प्रत्याशी के पति सपा विधायक इकबाल महमूद की नींद उड़ा दी है. सिर्फ बहजोई निकाय में बीजेपी उम्मीदवार की स्थिति मजबूत मानी जा रही है.

बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी
संभल जनपद में तीन नगरपालिका चंदौसी संभल और बहजोई है ,जबकि 5 नगर पंचायत है.चंदौसी निकाय में बीजेपी की उम्मीदवार प्रियंका शर्मा , संभल में पारुल शर्मा और बहजोई में पूर्व पालिका अध्यक्ष राजेश शंकर राजू है.  तीनों ही निकाय में बीजेपी के टिकट वितरण को लेकर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है. चंदौसी संभल बहजोई तीनों निकाय में बीजेपी के बड़े स्थानीय नेता और कार्यकर्ता बीजेपी उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए है.

चंदौसी में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया समेत कई बड़े नेता नाराज बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं को मनाने के प्रयास कर चुके हैं, लेकिन बीजेपी नेताओं कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर नहीं कर पा रहे हैं. बीजेपी के कद्दावर नेताओं के तमाम प्रयास के बावजूद बीजेपी के बड़े नेता और कार्यकर्ता चंदौसी में बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका शर्मा संभल में पारुल शर्मा और बहजोई में राजेश शंकर राज्यों के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए हैं.जिसका बड़ा फायदा चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे निर्दलीय उम्मीदवार को मिलना है.

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बीजेपी की अंदरूनी कलह की वजह से चंदौसी में वैश्य समाज के समाज सेवी अखिलेश खिलाड़ी की पत्नी निर्दलीय उम्मीदवार लता वार्ष्णेय की स्थिति काफी सशक्त मानी जा रही हैं.  निर्दलीय उम्मीदवार लता वार्ष्णेय को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता पर्दे के पीछे से पूरा समर्थन दे रहे हैं , वही वैश्य और दलित जाति के साथ ही मुस्लिमों का भी निर्दलीय उम्मीदवार को पुरजोर समर्थन मिल रहा है.

चंदौसी में इतने मतदाता
चंदौसी में निकाय में लगभग 100000 मतदाता हैं जिनमें सर्वाधिक 23 फ़ीसदी मुस्लिम हैं. दूसरे नंबर पर 22 फ़ीसदी वैश्य अग्रवाल वासनी व अन्य और तीसरे नंबर पर 15000 दलित मतदाता हैं. निर्दलीय उम्मीदवार लता वार्ष्णेय को वैश्य समाज और दलित के साथ ही मुस्लिमों का भी समर्थन मिल रहा है, जिसकी वजह से बीजेपी उम्मीदवार की जीत आसान नहीं है.

संभल जनपद में भी कमोवेश यही हालात है, संभल निकाय में पारुल शर्मा बीजेपी की उम्मीदवार लेकिन संभल निकाय में मुख्य मुकाबला सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद की पत्नी रुखसाना इकबाल और सपा सांसद शफी कुर्र रहमान वर्क समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार फरहाना के बीच है. सपा सांसद शफीकुर्ररहमान वर्क निर्दलीय उम्मीदवार फरहाना की जीत को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बनाए हुए हैं जिसकी वजह से सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद की पत्नी सपा प्रत्याशी की जीत आसान नहीं है.

बहजोई में बीजेपी की मजबूत स्थिति
सिर्फ बहजोई निकाय में बीजेपी उम्मीदवार राजेश शंकर राजू की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. राजेश शंकर राजू पूर्व में भी पालिका अध्यक्ष रह चुके और जनता के बीच उनकी छवि बेहद साफ-सुथरी है जिसकी वजह से उन्हें समाज के सभी मतदाताओं के साथ मुस्लिमों का भी पुरजोर समर्थन मिल रहा है. संभल जनपद में सिर्फ वहजोई निकाय पर ही बीजेपी जीत हासिल कर सकती है. लेकिन फिलहाल इस बार के निकाय चुनाव में संभल जनपद में निर्दलीय उम्मीदवारों का पलड़ा भारी है.

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