Yogi cabinet minister Ashish Patel: यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपने ही विभाग में प्रमोशन के संबंध में लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने ये तक कह दिया कि कहीं कोई गड़बड़ी हुई है तो सीबीआई से भी सीएम योगी जांच करवा सकते हैं.
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उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल ने उन पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों का तीखा जवाब दिया है. उन्होंने साथ ही सरकार के कुछ अफसरों और एसटीएफ पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. अपना दल नेता ने विभागीय प्रोन्नति में धांधली के आरोपों पर कहा है कि वो सीबीआई जांच के लिए भी तैयार हैं. कुछ लोग उनकी छवि बिगाड़ने पर तुले हुए हैं. अगर उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए एसटीएफ जिम्मेदार होगी.
सफाई व स्पष्टीकरण
सोशल मीडिया पर आशीष पटेल ने एक लंबा पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि यूपी के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी के साथ ही तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा एम देवराज की अध्यक्षता में कराई गई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति के साथ ही टॉप लेवल पर सहमति के आधार पर कराए गए प्रमोशन के बाद भी राजनीतिक चरित्र हनन के लिए मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है. अगर विभागीय पदोन्नति गलत है तो इस बारे में सूचना विभाग को सफाई व स्पष्टीकरण देना चाहिए.
षड्यंत्र या फिर दुर्घटना
आशीष पटेल ने पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल चलने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पदोन्नति को लेकर में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगा है. आशीष पटेल ने कहा कि ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं कि भविष्य में भी इनके कलेजे में कांटा चुभता रहेगा. झूठे तथ्यों व अफवाहों के साथ ही मीडिया ट्रायल की वजह से यह लड़ाई बंद नहीं होगी. पहले से ज्यादा ताकत से सामाजिक न्याय की आवाज हम बुलंद करते रहेंगे. उन्होंने ये तक कहा कि मैं डरने वालों में नहीं हू लड़ने वालों में हूं. न्याय के इस जंग में किसी प्रकार का षड्यंत्र या फिर दुर्घटना मेरे साथ हुई तो इसकी पूरी जिम्मेदारी यूपी पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की होगी.
क्या है आरोप?
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति व आशीष पटेल पर आरोप लगाया गया है कि प्राविधिक शिक्षा कॉलेजों में उन्होंने प्रमोशन कर लेक्चरर्स को विभागाध्यक्ष बनाया जिसका प्रभाव ये हुआ कि आरक्षित वर्ग के लेक्चरर्स विभागाध्यक्ष बन नहीं पाए. 177 लेक्चरर्स को दिया जाने वाला आरक्षण नहीं मिल सका, इस तरह के आरोप लगाया गया है. सीएम को शिकायत पत्र भेजकर सत्ताधारी दल की बुलंदशहर से विधायक मीनाक्षी सिंह ने इस तरह का आरोप लगाया है.
नियुक्तियों में हेरफेर
आरोप ये भी है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के तहत आने वाले राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों में विभागाध्यक्ष की नियुक्ति नियमों का पालन नहीं हुआ. सीधी भर्ती के तौर पर विभागाध्यक्षों की नियुक्ति होनी थी. वहीं, अपना दल कमेरावाद की नेता व सिराथु से विधायक पल्लवी पटेल द्वारा भी आरोप लगाया गया कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर जो नियुक्तियां हुई उसमें हेरफेर किया गया.
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