Maha kumbh 2025: महाकुंभ से पहले जूना अखाड़े के महंत 7 साल के लिए निष्कासित, दान दी गई बच्ची का संन्यास वापस
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Maha kumbh 2025: महाकुंभ से पहले जूना अखाड़े के महंत 7 साल के लिए निष्कासित, दान दी गई बच्ची का संन्यास वापस

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ स्नान से पहले एक हैरान करने वाले घटनाक्रम ने देश-दुनिया से यहां आने वाले संतों-भक्तों का ध्यान खींचा है. दरअसल, महाकुंभ के प्रथम स्नान पर्व से पहले आगरा की 13 साल की नाबालिग को साध्वी बनाकर दान के रूप में प्राप्त करने वाले जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरि को 7 साल के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है. 

Mahakumbh 2025

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 13 साल की संन्यासिन गौरी गिरि और उसके गुरु कौशल गिरि को जूना अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है.  19 जनवरी को महाकुंभ में लड़की का पिंडदान होना था. नाबालिग को नियम तोड़कर शामिल किया गया था.  उसे तुरंत उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है.  श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की महासभा ने सर्वसम्मति से 7 साल के लिए महंत कौशल गिरि को अखाड़े से निष्कासित किया है.

तोड़ा था नियम
जूना अखाड़े में बगैर बालिग हुए किसी बच्ची को संन्यास की दीक्षा नहीं दी जा सकती है. जूना अखाड़े में बालिग होने के बाद ही किसी महिला को संन्यास की दीक्षा जा सकती है. महंत कौशल गिरि को अखाड़े की परंपरा और नियम को तोड़ने पर महंत कौशल गिरि के खिलाफ कार्रवाई हुई है. श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने सर्वसम्मति से बैठक कर इस पर विचार कर फैसला लिया. जूना अखाड़े के प्रवक्ता महंत नारायण गिरी ने वीडियो जारी कर कार्रवाई की जानकारी दी.

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि महाराज ने बताया कि बच्ची का संन्यास वापस कर दिया गया है. बालिका को संन्यास की दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरि को 7 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह अखाड़े की परंपरा नहीं रही है कि किसी नाबालिग को हम संन्यासी बना दें.  महासभा ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है. राखी को परिवार को सौंप दिया गया है.

19 जनवरी को पिंडदान होना था

महंत कौशल गिरि ने 3 दिन पहले ही आगरा के रहने वाली 13 साल की राखी सिंह को संन्यास की दीक्षा दी थी. बाबा ने संगम में स्नान कराने के बाद  संन्यास कराया था. कौशल गिरि का कहना था कि इसके बाद वह सांसारिक जीवन त्याग कर पूरी तरह संन्यासिनी जीवन में प्रवेश कर लेगी और उसका नाम साध्वी गौरी रखा गया था. जूना अखाड़े में बालिका साध्वी की वेशभूषा में नजर आई थीं. तब कहा जा रहा था कि संन्यासिनी की दीक्षा दिलाने के बाद महाकुंभ में धर्मध्वजा पर संस्कार कराया जाएगा.  इसके बाद परंपरा के अनुसार बालिका के जीते जी पिंडदान कराने की भी घोषणा की गई. 19 जनवरी को उनका पिंडदान होना था. 

कौन है 13 साल की राखी सिंह
राखी सिंह आगरा के स्प्रिंगफील्ड स्कूल में 9वीं कक्षा की छात्रा थी. गौरी के पिता संदीप उर्फ दिनेश सिंह धाकरे आगरा में पेठे का कारोबार करते हैं. राखी सिंह का परिवार 26 दिसंबर को प्रयागराज महाकुंभ आया था. जानकारी के अनुसार  कारोबारी दिनेश सिंह का परिवार श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के महंत कौशल गिरि से कई सालों से जुड़ा है. पिता संदीप सिंह ने महाकुंभ में अपनी बेटी राखी को महंत  कौशल गिरि को दान कर दिया था.

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